@छत्तीसगढ़
प्रदेश के 5200 उप स्वास्थ्य केंद्र, 550 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित ग्रामीण क्षेत्रो में स्वास्थ्य व्यवस्था होगी प्रभावित
कांग्रेस पार्टी द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों (स्वास्थ्य संयोजको) के मांगो को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया गया है,चूंकि सरकार बनाने के 3 साल बाद भी प्रदेश सरकार के द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के मांगो के सम्बंध में किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया है | संघ के प्रदेश अध्यक्ष टार्जन गुप्ता ने बताया कि देश और प्रदेश में कोरोना संकटकाल में स्वास्थ्य कर्मचारियों का योगदान अतुलनीय है और कोरोना काल के दौरान सार्वजनिक रूप से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री भुपेश बघेल जी के द्वारा विशेष कोरोना भत्ता एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव जी द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के वेतनवृद्धि करने की घोषणा की गई है जो कि आज पर्यंत तक लंबित है | स्वास्थ्य संयोजको के हड़ताल में जाने से प्रदेश के उप स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर की सेवाएं प्रभावित होंगी जिससे सामान्य ओपीडी, प्रसव ,नियमित टीकाकरण ,कोविड टीकाकरण, टीबी ,कुष्ठ ,मलेरिया नियंत्रण के साथ साथ वर्तमान में शिशु संरक्षण माह जैसे समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रभावित होंगे | ज्ञात हो कि प्रदेश की ग्रामीण जनता स्वास्थ्य सेवाओं व बच्चो के नियमित टीकाकरण हेतु पूरी तरह से उप स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्भर है |स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक वेतन विसंगति संशोधन हेतु वर्षो से संघर्षरत है ,स्वास्थ्य विभाग ने अपने ही समकक्ष कैडर की तुलना में समान शैक्षणिक योग्यता व प्रशिक्षण अवधि के बाद भी वेतनमान में भारी अंतर है ,जिसे विभागीय प्रस्ताव अनुसार दूर करने की मांग को लेकर अनेक बार आंदोलन भी कर चुके है | पूर्ववर्ती सरकार के दौरान 47 दिन का अनिश्चित कालीन आंदोलन में 1262 कर्मचारियों को बर्खास्तगी भी झेलनी पड़ी थी ,जिस दौरान कांग्रेस पार्टी के नेताओ द्वारा धरना स्थल में आकर समर्थन भी दिया था, और मांगों को घोषणापत्र में शामिल भी किया गया ,किंतु प्रदेश में सरकार बनने के बाद समस्या जस की तस बनी हुई है |कोरोना महामारी के दौरान विगत तीन लहर के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले कर्मचारी विवश होकर अपने प्रमुख 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 21 मार्च 2022 से राजधानी रायपुर से प्रान्त स्तरीय आंदोलन का आह्वान किया है जिसमे पूरे प्रदेश के 15 हजार ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला/पुरुष ,स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एवं खण्ड प्रशिक्षक विस्तार अधिकारी शामिल होंगे, जिससे पूरी तरह से राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रभावित होगा |*l
स्वास्थ्य संयोजको की 6 सूत्रीय मांग निम्नानुसार है:-
1. समान शैक्षणिक योग्यता एवं प्रशिक्षण अवधि के आधार पर एवं विभागीय प्रस्ताव अनुरुप ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजको का वेतनमान समतुल्य करते हुए वेतनमान 5200 -20200 व ग्रेड पे 2800 किया जाये |
2. ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजको का मनोबल बढ़ाने हेतु पदनाम परिवर्तित कर ग्रामीण स्वास्थ्य सहायक अधिकारी किया जाए|
3.प्रदेश के समस्त उप स्वास्थ्य केंद्रों/हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कलेक्टर दर में एक वार्ड आया/सफाईकर्मी की नियुक्ति किया जाये|
4. ऑनलाइन डाटा एंट्री के कार्य हेतु अलग से प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि 5000 रुपये निर्धारित किया जाए|अतिरिक्त मानदेय निर्धारित नही करने की स्थिति में प्रशिक्षित पीएडीए के माध्यम से ऑनलाइन डाटा एंट्री का कार्य लिया जाए |
5.हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में पदस्थ सी एच ओ के इंसेंटिव के आधार पर स्वास्थ्य संयोजको के मसिक इंसेंटिव में वृद्धि किया जाए |
6.विगत कोरोनाकाल में सेवाए देने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष कोरोना भत्ता प्रदान किया जाए |