@अम्बिकापुर//सीएनबी लाईव न्यूज़।।
विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज अम्बिकापुर के प्राचार्य डॉ. राम नारायण खरे ने संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय सरगुजा अम्बिकापुर के बर्खास्त पूर्व कुलपति डॉ. रोहिणी प्रसाद की याचिका जिसमें उसने धारा-52 के विरुद्ध राज्यपाल एवं राज्य शासन के विरूद्ध उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, उसमें डॉ. खरे ने परिवाद में हस्तक्षेप की याचिका दायर की है। डॉ. खरे ने बताया कि प्रोफेसर डॉ. रोहिणी प्रसाद को काफी गम्भीर प्रशासनिक तथा वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में जॉच कर राज्य शासन व महामहिम कुलाधिपति एवं राज्यपाल द्वारा धारा 52 लगाकर पद से बर्खास्त किया था जिसके विरुद्ध उसने न्यायालय में याचिका दायर की थी, अपनी याचिका में उसने न्यायालय को बताया की जाँच में उससे पक्ष नहीं लिया गया जबकि शासन द्वारा प्राप्त दस्तावेजों से पता चला की जाँच अधिकारी ने उसे पत्र लिखकर आरोपों का जबाब के साथ संबंधित दस्तावेज मॉगे थे, इस प्रकार की झूठी जानकारी न्यायालय में देकर उसने न्यायालय को भी दिगभ्रमित किया। उसके याचिका के विरुद्ध तथा राज्यपाल एवं छ.ग. शासन के पक्ष में डॉ. आर. एन. खरे ने परिवाद में हस्तक्षेप किया है।
विदित हो प्रोफेसर रोहिणी प्रसाद ने विश्वविद्यालय में कई अनियमितताएँ की है जिसमें डॉ. आर. एन. खरे की सेवा पुस्तिका में जालसाजी तथा कूटरचना कर फर्जी प्रविष्टि कराई, जिसकी पुष्टि 26/08/2014 के कार्यपरिषद के बैठक के कार्यवाही विवरण से भी की गई तथा प्रविष्टि करने वाले स्व. श्री अजय प्रताप सिंह, श्री रूपेश मार्कस एवं श्री आर.के चौहान ने अपने लिखित ब्यान में कहा है। इस कार्यवाही की मूलनस्ती की चोरी डॉ. रोहिणी प्रसाद द्वारा की गयी। जिसको संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय ने भी माना है। अपने गलत औचित्य को सिद्ध करने के लिए डॉ. रोहिणी प्रसाद ने स्वयं राजभवन, शासन तथा कार्यपरिषद को डॉ. खरे की सेवा शर्तों के बारें में अलग-अलग जानकारी दी। चूकिं यह प्रकरण जॉलसाजी, कूटरचना, छल तथा शासकीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ तथा मूल नस्ति की चोरी का था, इसलिए इसी प्रकरण में संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय द्वारा राजभवन एवं पुलिस को पत्र प्रेषित किया गया जिसमें विभागीय जाँच एवं एफ.आई. आर. दर्ज करने का भी उल्लेख किया है।
पुलिस द्वारा इस प्रकरण में एफ.आई. आर. दर्ज करने की प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है। इसमें संबंधित लोगों सहित 2 नवम्बर 2021 को पुलिस ने डॉ. रोहिणी प्रसाद को भी बुला कर ब्यान दर्ज कर लिया है। संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय ने यह भी उल्लेख किया है कि यह व्यक्ति वर्तमान में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में पदस्थ है जहाँ इसके विभागीय जॉच भी संस्थित करने के लिए पत्र लिखा गया है। इसके साथ-साथ शारीरिक शोषण सहित और कई प्रशासनिक तथा वित्तीय अनियमितताओं सहित गम्भीर अपराध आयुक्त सरगुजा संभाग के जाँच में पाये गये थे। प्रोफेसर डॉ. रोहिणी प्रसाद द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों व राजनैतिक लोगों से विश्वविद्यालय पर कार्यवाही न करने का दबाव बनाया जा रहा है।