@दुर्ग//वेश देशमुख।।
सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में विकास के लिए महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। महिलाओं को अवसर और संसाधन महैय्या कराया जाए तो हर क्षेत्र में अपनी महती भूमिका के साथ सफल होने में कामयाब होते हैं। छत्तीसगढ़ में महिला समूहों को आगे बढ़ाने के प्रयासों के अच्छे नतीजे सामने आये है। छत्तीसगढ़ राज्य मुख्य रूप से ग्रामीण बसाहट और परंपरागत व्यवसाय पर निर्भर है। राज्य की अर्थव्यवस्था मूलतः कृषि पर आधारित है और इसे ही परंपरागत और आधुनिक तरीकों को अपनाकर राज्य का अग्रणी बनाने की दिशा में कार्य हो रहे हैं।
शासन द्वारा इस दिशा में बाड़ी कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। जिससे अनेक महिला समूहों को सुनहरा अवसर मिला है। महिला समूहों के लिए सामाजिक आर्थिक विकास के द्वार खुले हैं। अवसर मिलने पर महिलाओं ने इसे साबित भी कर दिखाया है। गौठानों को आजीविका का केन्द्र स्थापित कर आमदनी अर्जित करने का अवसर मिला है।
पाटन विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कौही की महिला समूहों ने बाड़ी विकास कार्यक्रम के महत्तव को बखूबी समझा है। महिला समूह गौठान योजना से जुड़कर विविध गतिविधिायां कर रही है। महिला समूह वर्मी खाद, नाडेप खाद के साथ सब्जी, फल, साग भाजी का उत्पादन कर काफी लाभ कमा रही हैं। महिला समूह द्वारा अब तक सालभर में लगभग 75 हजार रूपए का लाभ अर्जित किया गया है। समूह की महिलाओं के लिए बाड़ी कार्यक्रम वरदान साबित हुआ है। समूह से जूड़ी महिलाओं के लिए यह घर गृहस्थी से समय निकालकर आमदनी जुटाने का अच्छा माध्यम है। इससे समूह की सभी महिलाएं काफी खुश है और आगे भी बाड़ी कार्यक्रम को जारी रखने एकजुट है।