@बालोद
मधुर साहित्य परिषद् जिला बालोद द्वारा गंगामैया मंदिर प्रॉगण झलमला में श्रीगणेश पावन पखवाड़े पर कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.एस.एल.गंधर्व जी रहे, अध्यक्षता गजपति राम साहू ने की | साहित्यकारों के जन्मदिवस पर कवि गोष्ठी की कड़ी में झलमला बालोद के वरिष्ठ साहित्यकार मधुर साहित्य परिषद् जिला बालोद के कोषाध्यक्ष डॉ. एस.एल.गंधर्व का 49 वॉ जन्म दिवस मनाया गया | यह कार्यक्रम गंगामैया मंदिर प्रॉगण झलमला में सोल्लास सम्पन्न हुआ | कार्यक्रम में जिला के वरिष्ठ साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति रही | संस्था प्रमुख डां.अशोक आकाश के संयोजन एवं संचालन में कवि गोष्ठी का शुभारंभ पुष्कर सिंह राज से किया गया उन्होने मानव के मर्यादित आचरण की पैरवी करता कविता से जन मन को हर्षित करती कविता प्रस्तुत की --
हत्थी कतको राहय मतौना सूंड सम्हालके जाही |
कुकुर ला थोरको पदवी मिलही रहि रहिके गुर्राही
भरत बुलंदी गुरूर के गणेश भगवान के परिवार में व्याप्त विसंगतिपूर्ण सवारी पर सुंदर गीत के जन्म को प्रेरणा देती पंक्तियॉ पढ़ी।
कइसे गुजर करथो हे गनपति गजानन
एक दूसर के बैरी हावय तुंहर धरके वाहन
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गजपति राम साहू ने मानव जीवन की क्षणभंगुरता पर सार्थक संदेश निहित कविता का पाठ किया-
जब तक चक्का बने घूमतहे तब तक समझो वोला गाड़ी
जैसे चक्का जाम होगे समझौ भैया वोला कबाड़ी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एस.एल.गंधर्व ने गंगा मैया प्रांगण को भक्ति भावपूर्ण गीत से सराबोर कर दिया-
सुनले गोहार मैया सुनले गोहार वो
आगे हावंव तोर दुवारी करदे उद्धार वो
नवोदित कवि नरेन्द्र साहू हीरापुर ने किसान जागरण गीत से सुंदर संदेश संप्रेषित की -
जागव छ्त्तीसगढ़िया परदेशिया मन काज करत हे गीत ने सबको प्रभावित किया |
कार्यक्रम का संचालन कर रहे कवि डॉ.अशोक आकाश ने नदिया और सागर की उपमान से नारी और पुरुष के बीच व्याप्त अंतर और आशक्तिभाव को पंक्तियों में पिरोकर सार्थक प्रस्तुति दी।
नदिया क्यों बहती है कल कल,सागर क्या कहता है
नदिया सागर में रहती है या सागर नदियों में रहता है
कार्यक्रम में संध्या राजपूत ने प्रेरक भक्तिगीत प्रस्तुत किया, टोमिन साहू हीरापुर ने सुमधुर भजन के माध्यम से अंतरमन को तरंगित करने वाली काव्य पंक्तियॉ प्रस्तुत किया |
मधुर साहित्य परिषद् तहसील बालोद के सचिव देवधर साहू करहीभदर ने घर घर पकाई जाने वाली सबसे प्रिय और सदाबहार सब्जी आलू की विविध सब्जियों के साथ समावेशन पर हास्य चित्र से ध्यानाकर्षण किया | डॉ.एस.एल.गंधर्व के आभार प्रदर्शन के साथ सभा समापन की घोषणा की गई।