OBC :- छत्तीसगढ़ में हुए दिल्ली जैसे निर्भया कांड पीड़ित परिवार को न्याय एवं मुआवजा दिलवाने हेतु सौंपेंगे कलेक्टर, मुख्यमंत्री, राज्यपाल के नाम ज्ञापन...-

OBC :- छत्तीसगढ़ में हुए दिल्ली जैसे निर्भया कांड पीड़ित परिवार को न्याय एवं मुआवजा दिलवाने हेतु सौंपेंगे कलेक्टर, मुख्यमंत्री, राज्यपाल के नाम ज्ञापन...-

PIYUSH SAHU (BALOD)
@ छत्तीसगढ़
हृदयविदारक घटना जो कि बिलासपुर जिला के तोरखा थाना अंतर्गत ग्राम महमंद (लाल खदान) में ओबीसी समाज की नाबालिक बेटी कुमारी दुर्गा साहू के साथ अमानवीय कृत्य कर निर्मम हत्या कर दी गई हैं। इस घटना ने दिल्ली के निर्भया कांड की तरह पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। छत्तीसगढ़ की बेटी पर ऐसे अमानवीय कृत्य ने प्रदेश को लज्जित किया है। इस जघन्य हत्याकाण्ड में शामिल सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ के प्रत्येक इकाई करता है। साथ ही मृतका के परिवार को कम से कम 15 लाख रूपये मुआवजा देने की मांग करता है।
मृतिका के परिवार को मुआवजा प्रदान करने एवं आरोपियों का शीघ्र सजा दिलाने इस तरह से प्रदेश में जघन्य अपराध करने वाले आरोपियों को खोलें छोड़ देने से अपराधियों का हौसला और बुलंद होते जाएगा।

"नारी की सुरक्षा, प्रदेश की सुरक्षा"

पुराना वाला महाभारत में लिखा हुआ है :- 

जहां पर नारियों का सम्मान होता है वहां पर माताओं का आशीर्वाद सदा बना रहता है इसी सूत्र को हम आज हमारे समाज में नारी और महिलाओं पर अत्याचार ना करें तो हमारा समाज राज्य में किसी प्रकार की ऐसी घटना देखने को नहीं मिलेगा।

ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष के आवाहन पर छत्तीसगढ़ के 28 जिलों पर इस दिल्ली जैसे निर्भया कांड जो कि छत्तीसगढ़ में हुआ है उसका क्षतिपर्ति एवं न्याय के लिए ओबीसी महासभा उन परिवार के साथ खड़ा है।

छत्तीसगढ़ के पूरे जिले में कल कलेक्टर, मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं गृह मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा :- 

उपरोक्त विषयांतर्गत विनम्र निवेदन है कि आपके कुशल नेतृत्व में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने हेतु किये जा रहे प्रयास से निश्चित नई आशा, उत्साह एवं ऊर्जा का संचार हुआ है। अन्य पिछड़े वर्ग के उत्तरोत्तर उत्थान, प्रगति एवं कहीं-कहीं पर ओबीसी के साथ हो रहे अन्याय

को रोकने हेतु शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही हेतु निम्नलिखित मांग की जाती है : 1. राष्ट्रीय जनगणना 2011 में एकत्र किये गये ओबीसी के आंकड़े को मध्यप्रदेश की तर्ज पर प्रकाशित किये जाने का अनुरोध है।
 2.15 अगस्त 2019 में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की घोषणा को अविलंब लागू किया जाए।

 3 .राष्ट्रीय जनगणना 2021 के जनगणना प्रपत्र के कॉलम नम्बर 13 में ओबीसी के लिए पृथक से कोड नम्बर

03 तथा सामान्य वर्ग के लिए कोड नं. 04 जोड़े जाने हेतु अशासकीय संकल्प पारित कर ओबीसी की

पृथक से जनगणना किये जाने की सुझाव है तथा केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का अनुरोध है।

देश में कर्नाटक, केरल, आन्ध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में ओबीसी के लिए पृथक से पिछड़ा वर्ग विभाग संचालित है। छ.ग. राज्य में ओबीसी से संबंधित योजना एवं कार्यक्रम आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही है, जिससे ओबीसी के हित संवर्धन एवं संरक्षण की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा सकता है। अतः छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी का पृथक से विभाग स्थापित करना उचित होगा। इससे ओबीसी के हित संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यों में गति आएगी।

5. 6 अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। आन्ध्रप्रदेश की तर्ज पर राज्य लोक सेवा आयोग से भर्ती की जाने वाली समस्त पदों के लिए इन्टरव्यू के

प्रावधान को समाप्त किया जायें (आदेश प्रति संलग्न) 7. बिलासपुर जिले के तौरवा थानातंर्गत ग्राम महमद (लाल खदान) की नाबालिक बेटी दुर्गा के आबरू को तार-तार कर निर्मम हत्या के दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही एवं मृतका के परिवार को मुआवजा दिया जायें।

8. ओबीसी के बच्चों के लिए तहसील स्तर पर पोष्ट मैट्रिक एवं प्री-मैट्रिक छात्रावास का प्रावधान किये जाने का अनुरोध है।
9 छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या के 52 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के लिए उसकी जनसंख्या के अनुपात में कार्यपालिका, विधायिका एवं सार्वजनिक क्षेत्र के समस्त संस्थाओं में भागीदारी सुनिश्चित हो। 10. शासन द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग को अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाति के समान जनसंख्या के अनुपात में विभिन्न निगमों, मंडलों, आयोगों एवं अन्य क्षेत्रों में नियुक्ति दी जाए।

11. स्कूल, कॉलेज में अध्ययनरत अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों को अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाति की

भांति समान छात्रवृत्ति प्रदान किया जावें।
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