@ बलौदाबाजार
मछ्लीपालन जल संसाधन एवं आयाकट) ने बलौदाबाजार जिले के कृषि विभाग की कार्यो एवं सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के समीक्षा की ।*
संसदीय सचिव सुश्री शकुन्तला साहू ने बलौदाबाजार बाजार जिले के कृषि ,पशु पालन ,मत्स्य ,उद्यानिकी ,मंडी एवं अन्य विभागों की विभाग वार समीक्षा की ।
कृषि उपसंचालक पैकरा ने खाद -बीज भंडारण ,वितरण एवं लक्ष्य की जानकारी दी इस वर्ष का खाद भंडारण का लक्ष्य 97000 मि. टन था जिसके प्रतियासा में अभी तक 66442 मि. टन का भंडारण हुवी , बीज भंडारण का लक्ष्य 48200 मि.टन में 42868 मि. टन भण्डारण हुवी है । पूरे जिले में 176 गौठान सक्रिय है जिसमे से उत्पादित 28532 क्विंटल वर्मी कम्पोष्ट खाद तैयार की गयी , सुपर कम्पोष्ट उत्पादित 3968 क्विंटल हुवी । साथ ही पशु चिकित्सा विभाग की जानकारी ,उद्यानिकी विभाग की जानकारी व प्रगति एवं मत्स्य विभाग की मछली उत्पादन की जानकारी ली एवं समीक्षा की गयी।
सुश्री शकुन्तला साहू ने कृषि उपसंचालक को निर्देश की की अधिक बारिश से धान की बुवाई में बीज सड़ गये उनको पुनः बुवाई के लिये बीज वितरण करने संबंधित को निर्देश की ।
उद्यानिकी विभाग को माननीय मुख्यमंत्री जी के मनसा अनुसार खनन प्रभावित ग्राम जहाँ गौठान संचालित है उसमें कृषि यंत्र ,उपकरण किट देने के लिए प्रपोजल जल्दी तैयार करने को कही । साथ ही ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को अपने मुख्यालय में रहने को एवं आने जाने की जानकारी ग्रामीणों को रहे सुनिश्चित करने को कही ।
सुश्री शकुन्तला साहू ने फसल परिवर्तन को बढ़ावा देने हेतु कृषको को जागरूकता अभी चलाने के लिए भी निर्देश की ,योजनांतर्गत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकां को प्रति वर्ष राशि रु. 9,000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जाएगी।
वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ रु. 10,000/- आदान सहायता राशि दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषको को तीन वर्षां तक आदान सहायता राशि दी जाएगी।
गोधन न्याय योजना से पशुपालको की आय कुछ ज्यादा नहीं होती जिसकी वजह से वह अपने पशुओ को अच्छा चारा नहीं खिला पाते और कुछ लोग अक्सर पशुओं का दूध निकाल उन्हे खुला छोड़ देते हैं, जिसके गांव तथा शहरों में गोबर यूं ही पड़ा रहता है, जिससे गंदगी भी फैलती है। इसे सभी समस्याओ को देखते हुए राज्य सरकार ने इस छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना को शुरू किया है गोधन न्याय योजना के ज़रिये सरकार गाय पालने वाले किसानो की गाय का गोबर को खरीद रही है, जिससे पशुपालको की आय में भी वृद्धि हो रही है और गाय का गोबर भी व्यर्थ नहीं जा रहा। इस योजना के माध्यम से पशुपालकों की आय में वृद्धि होने से पशुओं को उनके पशुपालन में ही रखा जा रहा है, जिससे कि पशुओं को इधर-उधर चरने की भी जरुरत नहीं है। साथ ही महिला स्व सहायता के समूहों के द्वारा वर्मी कम्पोष्ट तैयार की जा रही है ,जिससे उनको रोजगार उपलब्ध हो रहे है एवं आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे है ।
इस अवसर पर जनपद पंचायत पलारी के अध्यक्ष खिलेंद्र वर्मा ,जिला पंचायत सदस्य परमेश्वर यदु ,कृषि उपसंचालक पैकरा जी ,पशु चिकित्सा उपसंचालक डॉ एस पी सिंह ,मत्स्य सहायक संचालक विनोद वर्मा ,उद्यानिकी उपसंचालक वर्मा ,जल संसाधन सर sdo सिरमौर ,जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी ,मंडी सचिव व जिले के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ,कृषि विकास अधिकारी ,ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे ।