@ बालोद
देश में इन दिनों कोरोना महामारी वायरस की महामारी फैली हुई हैं। इस महामारी से बचने के लिए लोगों अपने घरों में सुरक्षित रह रहें हैं और समाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं। तो वहीं कमलेश कुमार टंडन ने अपना तीसरा रक्तदान एक 8 साल बेटी जो रक्त की कमी से जूझ रही थी जिसकी जान बचाने के लिए कमलेश कुमार टंडन ने एक फोन कॉल पर सूचना मिलने पर तुरंत अस्पताल पहुंचकर रक्तदान कर मानवता व इंसानियत का मिशाल पेश कर रहे हैं।
कोरोना से जहां एक तरफ पूरी दुनिया व देश थमा हुआ है। ऐसे माहौल में भी जरूरतमंद मरीजों को रक्तदान कर उनकी जान बचाने के लिए युवा आगे आ रहें हैं।
रक्तदान एक सुरक्षित एवं सरल प्रक्रिया :- कमलेश टंडन
कमलेश कुमार टंडन ने बताया कि कि रक्त शल्य चिकित्सा के समय प्रसव या चोट के कारण अधिक रक्तस्राव से हुई खून की कमी की पूर्ति कर उसके जीवन को बचा सकता है। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति या हीमोफिलिया ,कैंसर ,रक्तअल्पता, थैलेसिमिया से पीड़ित बच्चों, गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय या किसी रक्त से जूझते मरीजों में हुई रक्त की कमी को पूरा कर उसके जीवन को बचा सकता है। रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं होती, बल्कि हमारा शरीर नये रक्त का निर्माण कर लेता है और शरीर में स्फूर्ति कर लेता है और शरीर में स्फूर्ति आती है। बहुत सारी बीमारियां दूर होती है। रक्तदान एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है। रक्तदान करने से हमें अपने रक्त समूह से परिचित हमारा स्वास्थ्य परीक्षण भी मुफ्त में हो जाता है। कोई नहीं जानता कब किसे कहा रक्त की जरूरत पड़ जाए। अधिक से अधिक स्वैच्छिक रक्तदान ही समाज की सुरक्षा है। सभी को जरूरत पड़ने पर रक्तदान करना चाहिए।
साथ ही कमलेश ने लोगों को वैक्सीन लगाने से पहले रक्तदान करने की लोगों से अपील की ताकि वैक्सीन लगाने से पहले बच सकती है किसी की जान।
इस रक्तदान के नेक व पुण्य के साहसिक कार्य के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंय सेवक यशवंत कुमार टंडन , सहित टंडन परिवार के सदस्यों ने कमलेश को बधाई व शुभकामनाएं दी और आगे ऐसे नेक पुण्य कार्य के लिए हमेशा तत्पर रहें।