बलरामपुर जिला अंतर्गत वाड्रफनगर में स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की स्थिति बद से बदतर है। यहां काफ़ी दूर-दूर से किसान एवं अन्य व्यवसाय स्तर के लोग अपनी मेहनत से कमाए हुए पैसों को लेने के लिए आते हैं। बैंक प्रबंधन की काफी लचर व्यवस्था तथा उदासीनता की वजह से किसानों पैसा आहरण करने में काफी मशक्कत के बावजूद भी मिलना दूभर हो जाता है।
यहां कई बार एक से एक अंजाम किसान भुगत रहे हैं यहां किसान अन्य स्तर के लोग भी अपने पैसों को आहरण करने के लिए दिनों दिन काउंटर के पास खड़े होने के बावजूद भी बिना पैसों के वापस निराश होकर घर जाने को विवश होना पड़ता है।
इसका खामियाजा बैंक की लचर व्यवस्था के कारण किसानों को भुगतना पड़ रहा है। यह पैसों का मिलने की तो बात ही बड़ी दूर है यहां तो ड्रावल फार्म के लिए ही काफी मशक्कत व धक्का-मुक्की झेलना पड़ता है।
गौरतलब तो यह है कि यहां ड्रावल फॉर्म के लिए ही किसान लाले पड़ जाते हैं। पैसा मिलना तो बड़ी दूर की बात होती है।
कई दिनों तक चक्कर काटने के बाद किसानों को पैसा मिल पाता है वह भी बकायदा बिचौलियों के बीच कमीशन देने के बाद मिल पाता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसानों का अकाउंट अर्थात खाता जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में है जहां सभी किसानों का विक्रय किया गया धान का पैसा बैंक के वितरण करना होता है अर्थात् देना होता है। लेकिन बैंक प्रबंधन कि काफी घटिया व्यवस्था है। किसानों को कृषि कार्य के लिए पैसों की अतिआवश्यकता है।
पी.एम. किसान सम्मन निधि का पैसा भी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक वाड्रफनगर में ही आता है। इसके अलावा धान का पैसा तथा अन्य जहां अपनी कठिन परिश्रम तथा पसीने बहा कर कमाई किए हुए धन यानी पैसा को अर्जित करने के लिए बैंकों का चक्कर काट काट कर बेचैन हो रहे हैं। अपनी ही कमाई की पैसों को आहरण करने के लिए कई तरह के बिचौलियों के माध्यम से गुजरने के लिए विवश हो रहे हैं।
विडंबना की बात तो यह है कि इस बैंक के खिलाफ कई बार किसानों के द्वारा आवाज उठाया गया लेकिन आज तक शासन प्रशासन किसी भी तरह का आज तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है। शासन प्रशासन को कुछ ऐसी व्यवस्था करना चाहिए जिससे किसानों को पैसा लेने में आहरण करने में कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े। किसानों को अपने धान की कमाई का पैसा लेने में इतना ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है कि जितना कि धान उत्पादन करने में सयाद ही पड़ा होगा।
छत्तीसगढ़ शासन को वाड्रफनगर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की इस दुर्दशा को सुधार किया जाए जिससे किसान अपनी पसीने की कमाई को पैसे के रूप में रखा हुआ पारिश्रमिक बैंक में सुगमता पूर्वक आहरण कर सकें। कितने किसानों ने तो भूखे प्यासे होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं और उनका बारी आ भी नहीं पाता है कि बैंक बंद हो जाता है।
जिम्मेदारों को उचित उपाय कर इस तरह की व्यवस्था से निजात दिलाना चाहिए, जिससे कि किसानों को अपनी मेहनत की कमाई को लेने में किसी भी तरह का कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े। जिससे उनको कृषि कार्य में पैसों की अभाव महसूस ना हो सके। जिससे कि वे समय पर कृषि कार्य करके अपनी दिनचर्या तथा आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना सकें।