@सेम्हरडीह//सीएनबी लाईव न्यूज़।।
ग्राम सेम्हरडीह व आस पास के गांव में शनिवार की रात लगातार 2 से ढाई घंटा हुए ओलावृष्टि से किसानों की फसल पूरी पूरी बर्बाद हो गई ।जब दूसरे दिन फसल का हाल जानने किसान खेतों पर पहुंचे थे सर पकड़े के पकड़े रह गया। क्योंकि पकी हुई धान की फसल पूरी तरह चढ़कर जमीन पर इस तरह बिखरी पड़ी थी जैसे किसी ने पूरी फसल को डंडे से मार कर झढ़ा दिया हो। किसानों ने कहा गरज चमक के साथ काफी बारिश हुई और ओले भी गिरे और देखते ही देखते पूरी फसल जो करने लायक हो गई थी वह पूरी तरह झड़ गई। अब हमें कोई उत्पादन नहीं मिलेगा। गांव में लगभग ढाई सौ एकड़ जमीन में धान की फसल की जा रही थी लेकिन फसल बर्बाद होने के कारण अब उत्पादन से कुछ हासिल नहीं होगा।
अधिकतर खेतों में अब सिर्फ पैरा ही बचा है। किसानों को उस समय आश्चर्य हुआ जब उन्होंने देखा कि ओला वृष्टि से कहीं फसल जो कि झुकी तो नहीं होगी । लेकिन फसल पूरी तरह से खड़ी हुई दिखाई दिया लेकिन ओले गिरने के कारण पूरी फसल की पिटाई हो चुकी थी। धान की बालियां पूरी तरह छोड़कर जमीन पर गिर चुकी थी और सिर्फ पैरा ही बचा था। ग्रामीण किसानों ने शासन प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। वहीं किसानों में शामिल ग्रामीण सचिव चुन्नीलाल प्रीतम ग्रामीण उपाध्यक्ष दूज राम साहू ग्रामीण अध्यक्ष चन्दहास भुआर्य सरपंच श्रीमती भगवती बाई तथा हेमलाल, मनोहर नायक, कन्हैया निषाद, गजाधर साहू, देवराम साहू तथा लगभग 100 से 130 किसानो का फसल बर्बाद हो गया है।
ग्रामीण उपाध्यक्ष व ग्रामीण सचिव ने बताया कि जब हमने मामले की जानकारी पटवारी को सूचित किया तो उनके द्वारा कहा गया है कि ओलावृष्टि से मुआवजा नहीं मिलेगा इससे किसान और निराश हुए। लेकिन उनको उम्मीद है कि कृषि विभाग व सरकार इस पर ध्यान देगी और उन्हें मुआवजा दिलाया जाएगा। क्योंकि फसल प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि रबी फसल में कृषि विभाग की योजना के तहत फसल बीमा नहीं होती है इसलिए शासन प्राकृतिक आपदा के तहत हमारी फसल नुकसान का आकलन करके मुआवजा दिया जाए ताकि कुछ राहत मिल सके। क्योंकि ओलावृष्टि से ग्राम सेम्हरडीह में 95 % तथा छोटे किसानों का पुरा पुरा 100% फसल बर्बाद हो चुका है सिर्फ पैरा ही बचा है । किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द सर्वे करके उन्हें मुआवजा दिया जाए।