@ बालोद// सीएनबी लाइव न्यूज़।।
राम बालक दास महा त्यागी के द्वारा कोरोना काल में भी प्रतिदिन ऑनलाइन सत्संग का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सभी भक्तगण अपनी सुंदर सुंदर से जिज्ञासाओं के साथ जुड़ते हैं, मधुर मधुर भजनों की प्रस्तुति भी भक्तों के द्वारा की जाती है, प्रतिदिन ऋचा बहन के द्वारा सुंदर एवं ज्ञानवर्धक संदेश मीठा मोती के रूप में प्रेषित किया जाता है, शिवाली बहन एवं श्रीमती तन्नु साहू जी के द्वारा प्रतिदिन रामचरित मानस की चौपाइयों का सुंदर गायन सभी को आनंदित कर देता है, पुरुषोत्तम अग्रवाल जी एवं पाठक परदेसी जी के प्रतिदिन के समसामयिक भजनों से सभी आनंद को प्राप्त करते हैं, कुमारी अपर्णा विश्वकर्मा की मधुर आवाज में भजन सत्संग की दिव्यता को बढ़ा देती हैं, सत्संग के अंत में बाबा जी के द्वारा आनंद को दुगना कर देने वाले भजन की प्रस्तुति की जाती है, एक घंटे का यह ऑनलाइन सत्संग आज सभी भक्तजनों के लिए भक्ति का ही साधन हीं नही बल्कि मन को भी दृढ़ करने का साधन बन गया है।
प्रतिदिन की जिज्ञासाओं में आज भी पाठक परदेसी ने रामचरितमानस से जिज्ञासा रखते हुए पूछा कि पाताल अधिपति अहिरावण और महिरावण का संहार कर श्री राम प्रभु एवं अनुज लक्ष्मण जी को बलि चढ़ाने से बचाकर सुरक्षित निकाल ले आने वाले महावीर हनुमान जी के बल बुद्धि और पराक्रम कौशल पर प्रकाश डालने की कृपा हो, इस पर भाव व्यक्त करते हुए बाबा जी ने बताया कि रावण बहुत अधिक बुद्धिमान था उसे ज्ञात हो गया था कि श्री राम जी वही परम पुरुष है जो दैत्य वंश को मोक्ष प्रदान करने आए हैं और एक नवीन राम राज्य की स्थापना होने जा रही नवीन युग का प्रारंभ होने जा रहे तो रावण ने सोचा कि क्यों ना मेरे पूरे परिवार को ही मोक्ष प्राप्त हो जाए , उसने स्वयं प्रारंभ में ही युद्ध में आने से पूर्व अपने पूरे कुल को युद्ध में उतारा यदि रावण चाहता तो स्वयं ही युद्ध में उतर जाता तो बाकी दैत्यों को मोक्ष कैसे प्राप्त हो पाता इसीलिए उसने कुंभकरण को भी नींद से जगाया मेघनाथ को युद्ध में भेजा और इसी क्रम में अहिरावण महिरावण भी इस युद्ध में शामिल किया और उनको हनुमान जी द्वारा मोक्ष प्राप्त कराया अहिरावण जो कि पाताल लोक में रहता था उसके द्वारा राम लक्ष्मण जी का अपहरण कर लिया गया और हनुमान जी ने उन्हें अपने पराक्रम और बल द्वारा अहिरावण महिरावण का वध कर लाया गया।
आज की सत्संग परिचर्चा में बाबा जी ने बताया कि हम कुएं के पास जाकर केवल प्यास प्यास चिल्लाएंगे या कहते रहेंगे तो उससे हमारी प्यास कभी नहीं बुझेगी उसके लिए हमें साधन करना होगा जल प्राप्त करना होगा और उसे पीना पड़ेगा तभी हमारी प्यास बुझेगी वैसे ही मन की शांति के लिए शांति शांति चिल्लाने से शांति प्राप्त नहीं होती इसके लिए हमें अपने मन को वैसा ही बनाना होगा अपने स्वभाव में शांत वृत्ति लानी होगी और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहना होगा
इस प्रकार आज का ऑनलाइन सत्संग संपन्न हुआ।
आप भी सत्संग से जुड़ना चाहते हैं तो हमारे नंबर
94255 10729 पर मैसेज लिखकर डालें अपना नाम पता बताएं आपका नंबर भी सीता रसोंई संचालन व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया जाएगा और प्रतिदिन सुबह 10:00 से 11:00 बजे 1 घंटे अपने परिवार के साथ सत्संग में ऑनलाइन भाग लेने का अवसर मिल सकता हैं।