@ बलरामपुर// कमल चंद साहू।।
छत्तीसगढ़ राज्य में एसएलआरएम सॉलि़ड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट के तहत योजना संचालित किए जा रहे हैं। इस योजना में ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र का निर्माण कराया गया है। इस केंद्र के माध्यम से गांव व शहर में प्रतिदिन निकलने वाले कचरे को साइकिलरिक्शा के द्वारा हर पारा मोहल्ला से घर-घर जाकर संग्रहित करना होता है। जिससे पारा, मोहल्ला, गांव स्वच्छ व निर्मल बना रहे। इसके साथ ही साथ राज्य तथा देश स्वच्छ तथा निर्मल रहे जिससे बीमारियों से बचाव किया जा सके।
बिडंबना कि बात तो यह है कि बलरामपुर जिला में यह योजना सिर्फ दिखावा ही दिखावा फिलहाल नजर आ रहा है। बलरामपुर जिला अंतर्गत वाड्रफनगर क्षेत्र अंतर्गत अधिकांश गांव में शासन के द्वारा दिया गया साइकिलरिक्शा जिसे ई-रिक्शा भी कहा जाता है यह रिक्शा सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है। यह रिक्शा गांव में रखे रखे क्षरण होता जरा रहा है। यह रिक्शा शासन द्वारा इस मंशा के अनुरूप प्रदान किया गया है कि इसके माध्यम से गांव घर पारा मोहल्ला तथा हमारा देश स्वच्छ रहेगा।
लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि गांव में प्रदान किया गया यह रिक्शा कोई काम का नजर नहीं आ रहा है। स्वच्छता के अभाव मे बीमारियों को न्योता देने के समान है। कोरोना से तो नियमों का पालन करने से शायद बचा भी जा सकता है। लेकिन इस स्वच्छता के अभाव में तो नहीं बचा जा सकता है। क्योंकि आस्वच्छता का कारण कहीं ना कहीं कोरोना को संपर्क में लाने का माध्यम बन ही जाएगा। ग्राम पंचायत सरना के सरपंच व बीडीसी के माध्यम से इस रिक्शा के खड़े होने तथा कब से चालू होगा की जानकारी प्राप्त करना चाहा गया तो इन्होंने समूह के माध्यम से चलाए जाने की बात कही है। परंतु यह कार्यक्रम अर्थात योजना को कब से शुरू किया जाएगा इसकी जानकारी देने में अनभिज्ञता दिखाये। डीडीसी ने बाहर हाल कोरोना का काल कहते हुए बातों को कटाक्ष कर दिया। इनका कहना है कि कोरोना लॉकडाउन के बाद ही कुछ हो सकता है। अब देखने वाली बात तो यह है कि शासन की इस योजना का सपना पूरा होता है या फिर यह सिर्फ फोटो रूप में देखने तक ही सीमित रह जाता है। यह योजना एस एल आर एम की जल्द से जल्द अगर नहीं चालू किया जाता है तो इससे दिन प्रतिदिन हजारों लोग प्रभावित होते रहेंगे।