@सरगुजा//अविनाश कुमार।।
सरगुजा संभाग के एकमात्र शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में हुए लाखों के घोटालेबाज चार प्रोफ़ेसरों के गबन अभिप्रमाणित होनें के पश्चात चारों को अंततः छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनिकी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद नें चारों घोटालेबाज प्रोफेसर सुदीप श्रीवास्तव, राजेश साहू, गुरप्रीत सिंह एवं हरिशंकर चन्द्रा को निलंबित करते हुए अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिवस का समय दिया है, इन 15 दिनों में चारों के द्वारा यदि किसी तरह का पक्ष नहीं रखा गया तो कार्य परिषद एक पक्षीय कार्यवाही करेगी।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन चारों घोटालेबाज अपचारी अधिकारीयों को कार्य परिषद् ने निलंबित करते हुए इनके विरुद्ध उचित क़ानूनी कार्यवाही के लिए आदेश जारी कर दिया गया है, एक जानकारी के अनुसार सीएसवीटीयू (CSVTU) की माननीय कार्य परिषद के निर्णयानुसार चारों के विरूद्ध छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1966 के नियम-10 के अंतर्गत दीर्घ शास्ति की कार्यवाही करना प्रस्तावित किया गया है कि जिसमें चारों घोटालेबाजों को क्यों न मुख्य शास्ति/ दीर्घ शास्ति (Major Penalty) छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1966 के नियम 10 के खंड़ कमांक (नौ) व छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम 2004 (25) के परिनियम-32 की कन्डिका 26 (1) के खंड़ कमांक (g) के तहत अधिरोपित किया जाएगा जिसमें यह उल्लेख है कि सेवा से पदच्युत किया जाना जो कि मामूली तौर पर शासन के अधीन भावी नियोजन के लिए अनर्हता होगी।
साथ ही जाँचकर्ता अधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर सभी आरोप अभिप्रमाणित / सिद्ध हुए है जिनके आधार पर कार्यवाही की जाना प्रस्तावित है। कार्य परिषद नें आगे आदेशित किया है की चारों घोटालेबाजों को ऐसा अभ्यावेदन जिसे वे इस प्रस्ताव के विरूद्ध प्रत्युत्तर करना चाहते हैं तो उन्हें 15 दिवस का समय दिया गया है ताकी वे कार्य परिषद के आदेश पारित करनें से 15 दिनों के भीतर अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत करें यदि वे ऐसा करने में असफल रहते हैं तो यह माना जाएगा की वे अभ्यावेदन प्रस्तुत नहीं करना चाहते हैं तथा ऐसी स्थिति में चारों घोटालेबाजों के विरूद्ध अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिषद् नें इन चारों घोटालेबाज अपचारी अधिकारीयों के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक (सरगुजा) को आवेदन दिया है जिसमें चारों घोटालेबाज प्रोफेसरों द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन को पहुंचाई गई आर्थिक हानि की वसूली के संबंध में कार्यवाही की बात की गई है, उक्त आवेदन में चारों अपचारी अधिकारी जो की विश्वविद्यालय इजिनीयरिग कालेज, लखनपुर, अंबिकापुर में जुलाई 2020 से गंभीर वित्तीय अनियमित्ता के कारण निलंबनाधीन थे उनके विरुद्ध विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभागीय जांच संस्थित की थी जिसमें सभी आरोप सिद्ध पाए गए हैं साथ ही सभी को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1966 के तहत पदच्युत की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। इनके द्वारा विश्वविद्यालय को पहुंचाई गई आर्थिक हानि (गबन, उपेक्षा के कारण हानि तथा नियमों का प्रतिपालन न करने से हुई हानि आदि) की वसूली हेतु चारों के द्वारा गबन की गई राशि की जानकारी देते हुए वसूली करनें की बात कही गई है।
इस पूरे घोटाले में छात्रों के हित के कुल 82 लाख 79 हजार आठ सौ बारह (8,279, 812/-) रूपये का गबन विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के चार प्रोफेसरों द्वारा किया गया था जिसमें गुरप्रीत सिंह नें 1,905,696 /- सुदीप श्रीवास्तव नें 1,905,696 /- हरिशंकर चंद्रा नें 1,408,606 /- एवं राजेश साहू नें 3,059,814 /- रूपये के घोटाले को अंजाम दिया था जो छात्रों के हक़ व हित में उपयोग की जानी थी, कार्यपरिषद नें पुलिस अधीक्षक से निवेदन करते हुए चारों के विरुद्ध FIR दर्ज करनें कहा है।