रेमडेसिविर इंजेक्शन की सौदेबाजी दो (02) युवकों को पड़ी भारी... हुए गिरफ़्तार...

रेमडेसिविर इंजेक्शन की सौदेबाजी दो (02) युवकों को पड़ी भारी... हुए गिरफ़्तार...

@अंबिकापुर//सीएनबी लाईव न्यूज़।। 
कोरोना संक्रमितों के इलाज में प्रयोग में आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी यहां भी शुरु हो गई है। तीन दिन पूर्व रेमडेसिविर के कालाबाजारी की बातचीत का ऑडियो वायरल (Viral Audio) हुआ था। इस दौरान ड्रग इंस्पेक्टर ने ग्राहक बनकर बातचीत की थी। जिला प्रशासन के निर्देश पर मामले में अपराध दर्ज कराया गया था। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने जांच के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल दाखिल कर दिया है। जबकि तीसरा आरोपी अभी भी फरार है। 

पुलिस ने 2 लोगो को किया गिरफ्तार :

जिले में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। हर दिन मौत के मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना संक्रमितों के इलाज में प्रयोग में आने वाले इंजेक्शन रेमडेसिवर (Remdesivir Injection) की मांग बढ़ गई है। 

मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोग इसकी कालाबाजारी करने में लगे हैं। ड्रग इंस्पेक्टर ने ऐसे किया खुलासा तीन दिन पूर्व रेमडेसिवर की कालाबाजारी (Remdesivir black marketing) की शिकायत पर ड्रग्स इंस्पेक्टर ने ग्राहक बनकर एक फोन नंबर पर इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की। बातचीत में कालाबाजारियों द्वारा 15 हजार रुपए की मांग की गई थी। इसका ऑडियो वायरल होने पर जिला प्रशासन के निर्देश पर इसकी रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई थी। 

पुलिस ने ऐसे दबोचा :

पुलिस ने उक्त नंबर की जांच कराई तो आरोपियों की जानकारी मिली। पेंड्रा मरवाही निवासी सौरभ डेनियल पूर्व में अंबिकापुर में रहकर एक निजी अस्पताल में लैब में काम करता था। वहीं दूसरा आरोपी सनावल निवासी देव राज प्रसाद शहर के दर्रीपारा में रहकर एक मेडिकल एजेंसी में काम करता था। 

महामारी को अवसर बनाकर प्यादों के जरिए लोगों को लूट रहे मौत के सौदागर असली-नकली में फर्क : दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी, आईपीएस अफसर मोनिका भारद्वाज ने जागरूकता के लिए लोगों को इंजेक्शन के असली-नकली के अंतर को बताते हुए ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की है। 

मोनिका भारद्वाज ने ट्विटर पर तस्वीर शेयर करते हुए असली और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के बीच सही इंजेक्शन की पहचान कैसे की जाए यह बताया है। उन्होंने नकली इंजेक्शन के पैकेट पर लिखी कुछ गलतियों की तरफ इशारा करते हुए सही इंजेक्शन की पहचान करने के लिए नौ पॉइंट्स बताए हैं। 

रेमडेसिविर के कालाबाजारी के मामले में पुलिस के हाथ अभी तक छोटे प्यादे ही हाथ लगे हैं। पुलिस को इन पर सख्ती कर अपने पावर का इस्तेमाल कर परदे के पीछे रहकर आपदा में लाभ कमाने वाले मौत के सौदागरों का पता लगाना चाहिए ताकि लोगों को तकलीफ के अवसर में लुटने से बचाया सके। मनमाना मंगा रहे हैं इंजेक्शन : रेमडेसिविर इंजेक्शन का उपयोग डे केयर और ओपीडी के मरीजों को नहीं करना है। 

लेकिन बावजूद इसके कई डाक्टर इसका प्रिसक्रिप्शन लिख रहे हैं। वहीं मेडिकल कालेज रायपुर में इस संबंध में अच्छी व्यवस्था की गई है। सीनियर डाक्टर द्वारा मरीज के कंडीशन के अनुसार रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग का आकलन किया जाता है। 

इसके बाद ही यह दवाई दी जाती है। ऐसी ही व्यवस्थाएं हर चिकित्सालय में की जानी चाहिए और इसके लिए नोडल पर्सन नियुक्त करना चाहिए।
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