24 अप्रैल को कड़दा गांव निवासी दिनेश की शादी हुई. यह शादी अपने आप में अनोखी इसलिए है, क्योंकि युवक ने जिन दो युवतियों से शादी कि वे दोनों अलग-अलग गांव की रहने वाली हैं. एक का नाम सीता है तो दूसरी का नाम गीता है. इस शादी के दौरान समाज के वे सभी लोग मौजूद थे जो सामान्य रूप से शादियों में हुआ करते हैं. इस विवाह से किसी को आपत्ति भी नहीं थी. शनिवार रात को यह शादी पूरे परंपरागत रीति रिवाज के साथ हुई. इसमें युवक ने दोनों युवतियों के साथ एक ही मंडप में फेरे लिए. आदिवासी अंचल में प्रचलित चलन में एक चलन 1 से ज्यादा पत्नी रखने का भी है।
आदिवासियों में यह परंपरा भी है खास :
आदिवासी व्यक्ति को यदि कोई महिला भा जाए और दोनों एक-दूसरे के साथ रहने के लिए राजी हों तो महिला अपने पहले पति और परिवार को छोड़कर दूसरे के साथ रहने के लिए चली जाती है. इसे यहां नातरे कहा जाता है. इसी नातरे प्रथा के तहत यहां पर बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनकी एक से ज्यादा पत्नियां हैं. क्षेत्र में इससे पूर्व 2014 में भी इस तरह की शादी हुई थी. उसमें भी एक युवक ने एक ही मंडप में दो युवतियों से ब्याह किया था।