बालोद//सीएनबी लाइव
पीयूष साहू
प्रतिदिन की भांति ऑनलाइन सत्संग का आयोजन सीता रसोई संचालन ग्रुप में श्री राम बालक दास जी के सानिध्य में प्रातः 10:00 से 11:00 बजे और दोपहर 1:00 से 2:00 बजे किया जा रहा है जिसमें सभी भक्तगण जुड़कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त करते हैं।
आज की सत्संग परिचर्चा में बाबा जी ने बताया कि परमात्मा सबकी मदद करते हैं परंतु उनसे मदद लेना किस तरह है यह हमें भी ज्ञात होना आवश्यक है जब हम किसी की मदद करेंगे तो ईश्वर स्वयं हमारी मदद करते हैं कहते हैं ना "कर भला तो हो भला "
दूसरों के प्रति आप निष्काम भाव से कार्य करिए उनके लिए समर्पित रहिए तो स्वयं ईश्वर भी आपके लिए समर्पित रहेंगे।
पाठक परदेसी जी ने हनुमान जी पर अपनी जिज्ञासा प्रस्तुत करते हुए प्रश्न किया कि उन्हें गदा बज्र रूप किस प्रकार प्राप्त हुआ था, इस प्रश्न का उत्तर देते हुए बाबा जी ने बताया कि हनुमान जी के बचपन में जब इंद्र के द्वारा उन्हें वज्र द्वारा मूर्छित कर दिया गया तब पवन देव बहुत ही ज्यादा क्रोधित हो गए और उन्होंने अपना वेग रोक लिया जिससे धरती पर प्राणवायु ही समाप्त हो गई तब सभी देवी देवताओं ने उनसे पार्थना किया कि अपना वायु का प्रवाह आप लौटा दे तो वायुदेव ने अपने पुत्र को सर्वगुण एवं बलवान होने के का वरदान दम के लिए सभी देवी देवताओं से आह्वान किया तब भगवान शंकर ने बाल हनुमान कोअपनी संपूर्ण शक्तियां और दिव्य दृष्टि प्रदान की और इंद्रदेव ने उन्हें ब्रज प्रदान किया और ब्रह्मा जी ने उन्हें गदा बज्र प्रदान किया तभी तो इसका वार अमोघ होता है।
भूषण साहू जी जतमई ने जिज्ञासा की की जब हनुमान जी माता सीता का पता लगाने गये थे तब वानर सेना को हनुमान जी ने समुद्र के किनारे मेरे लौटने तक आप सब रुके ऐसा क्यो बोले थे
इसे स्पष्ट करते हुए बाबा जी ने बताया कि क्योंकि वानर भालू को समुद्र तट पर केवल और केवल हनुमान जी की दिव्य शक्ति से ही लाया जा सकता था और उन्हें वापस किष्किंधा भी हनुमान जी के द्वारा ही पहुंचाया जा सकता था क्योंकि यह यात्रा बहुत कठिन थी और कम समय में पूरी की जानी थी इसलिए हनुमान जी का यह दिशानिर्देश था
इस प्रकार आज का सत्संग पूर्ण हुआ
जय गौ माता जय गोपाल जय सियाराम।