घरेलू हानिकारक करचा अलग से देना होगा
शहर के 48 वार्डों में एसएलआरएम सेंटर की स्वच्छता दीदी डोर टू डोर जाकर कचरा एकत्रित करती हैं. एकत्रित कचरे में कई बार ऐसी चीजें होती है, जिनसे इन दीदियों को परेशानी का समना करना पड़ता है. ऐसे में अब नगर निगम ने एक नई व्यवस्था बनाई गई है. नई व्यवस्था के तहत लोगों को अब दो नहीं बल्कि चार प्रकार के कचरे अलग अलग देने होंगे. पहले की तरह घर के गीले और सूखे कचरे के अलावा इसमें घरेलू हानिकारक और सेनेटरी कचरे को शामिल किया गया है. सैनेटरी वेस्ट में बच्चों के डायपर, सैनेटरी पैड और अन्य संबंधित चीजों को शामिल किया गया है।
कचरे के प्रकार के बारे में दी जा रही जानकारी
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही घरेलू हानिकारक कचरे में पुराने पेंट के डब्बे, कीटनाशक के डब्बे, ट्यूबलाइट, सीएफएल बल्ब, एक्सपायरी दवाइयां, टूटे हुए मरकरी थर्मामीटर, पुरानी बैटरियां, पुरानी सीरींज, सुई, ब्लेड सहित अन्य चीजें शामिल की गई है. कई बार कचरा कलेक्शन के दौरान स्वच्छता दीदियां को ऐसी बस्तुओं की जानकारी ना होने से उन्हें काफी नुकसान हो जाता है. घरेलू हानिकारक कचरे से कई बार स्वच्छता दीदी घायल भी हो जाती हैं. ऐसे में इसे अलग-अलग देने का निर्णय लिया है. नई व्यवस्था की जानकारी वार्डों में घूम-घूमकर लोगों को दी जा रही है.होली के बाद शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में भी इसका फायदा नगर निगम को मिलेगा. स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए आने वाली टीम भी शहर के नागरिकों के चार प्रकार के कचरे के बारे में जानकारी भी पूछेगी।