@जरही//शशी रंजन सिंह।।
सरगुजा संभाग स्थित जरही में एक ऐसा मामला सामने आया है जहाँ मंदिर के पीछे ही 100 मीटर दूर मदिरा दुकान खोल दी गई है, प्रशासन के इस कार्य से मंदिर जाने वालों की धार्मिक आस्था को काफ़ी ठेस पहुँची है। मामले में केवल मंदिर के पीछे मदिरा दुकान खोलने से ही स्थानीय लोगों को परेशानी नहीं हो रही है, इस मदिरा दुकान का निर्माण स्कूल प्रांगण से महज 150 मीटर की दुरी पर किया गया है जिसकी वजह से स्कूली छात्र व उनके अभिभावकों में काफ़ी नाराजगी देखने को मिल रही है।
इस मदिरा दुकान का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट ही किया गया है जिससे मदिरा प्रेमियों के साथ दुर्घटना होनें की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है, इसके अतिरिक्त मदिरा भवन से लगकर ही एक घर है जहाँ की औरतों के साथ दुर्व्यवहार की आशंका स्थानीय निवासियों को लगी हुई है।
इस मामले की शिकायत करते हुए जरही के स्थानीय निवासियों नें मुख्य कार्यपालन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था जिसमें कहा गया है की -
"नगर पंचायत जरही में प्राथमिक शाला भवन जरही एवं शिव मंदिर के समीप होने तथा रिहायसी मकान के समीप नगर पंचायत जरही द्वारा शराब दुकान खोले जाने हेतु स्थल का चयन किया गया है। जब कि उक्त स्थल के समीप पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे तथा मंदिर में आने जाने वाले श्रद्वालु को काफी परेशानी होगी तथा रिहायसी मकान होने के कारण बहन-बेटियो के साथ गलत व्यवहार शराबीयों के द्वारा किया जा सकता है, इसलिए उक्त स्थल पर प्रस्ताविक शराब दुकान को अन्यन्त्र स्थान पर स्थानान्तरित किया जायें।"
इस ज्ञापन को मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सौंपा गया था जिसकी प्रतिलिपि श्रीमान कलेक्टर (सूरजपुर), पुलिस अधीक्षक (सूरजपुर) एवं अनुविभागीय अधिकारी प्रतापपुर को सूचनार्थ की गई थी, परन्तु आज तक उक्त मामले में किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की गई है।
ये हैं मदिरा दुकान हेतू नियम-कानून :-
कथित तौर पर इंटरनेट पर प्राप्त एक जानकारी के अनुसार मदिरा दुकान हेतू निर्धारित नियमों में -
• देशी मदिरा, विदेशी मदिरा या भारत निर्मित विदेशी मदिरा या हैम्प औषधियों के खुदरा विक्रय का लाइसेंसधारी अपनी दुकान केवल संबंधित जिला आबकारी अधिकारी की ओर ये अनुमोदित स्थान पर ही रखेगा।
• ये दुकानें महाविद्यालयों, सीनियर माध्यमिक विद्यालय, सभी स्तर के कन्या शिक्षण संस्थानों, अस्पताल, पूजा स्थल, सार्वजनिक मनोरंजन के स्थान, कारखाना या श्रमिक या हरिजन कॉलोनी से 200 मीटर की दूरी के अन्दर नहीं खोली जा सकती।
• खुदरा विक्रय के लिए दुकान जिला आबकारी अधिकारी की पूर्व अनुमति के बगैर एक से दूरे स्थान पर बदली नहीं जा सकती।
• जिला आबकारी अधिकारी पर्याप्त कारणों को लेखबद्ध करने के बाद किसी दुकान को एक से दूसरे स्थान पर बदल सकेगा। दुकान बदलने के लिए लाइसेंसधारी को कोई क्षतिपूर्ति देय नहीं होगी।
• यदि आबकारी आयुक्त चाहे तो पर्याप्त कारणों को लिखने के बाद अपवाद मान कर परिस्थितियों में तय शर्तों में छूट प्रदान की जा सकेगी।