देवगढ़ मेला में तीसरे (03) दिन जमकर हुआ गैंगवार... किसी ने तोड़ा दुकानदार का हाथ तो कोई पुलिस से ही जा भिड़ा...

देवगढ़ मेला में तीसरे (03) दिन जमकर हुआ गैंगवार... किसी ने तोड़ा दुकानदार का हाथ तो कोई पुलिस से ही जा भिड़ा...

@उदयपुर//सीएनबी लाईव।।
देवगढ़ मेला के आखरी दिन शाम अंधेरे होने के बाद भीड़ को प्रशासनिक अमलों के द्वारा काबू नहीं की जा सकी। कई दुकानदारों के साथ गैंग बनाकर चल रहे लोगों के द्वारा मारपीट कर हाथ तक टूट गई गई। तहसीलदार एसडीएम की मौजूदगी में गैंग वालों के साथ पुलिस का झगड़ा हो गई मामले को लेकर 5 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेज दी गई। 

एसडीओपी चंचल तिवारी ने बताया शराब के नशे में धुत होकर अनावश्यक परेशान करने वाले लोग कई लोग को परेशान कर रहे थे मेला में ड्यूटी लखनपुर उदयपुर की पुलिस भी कम पड़ी जिसके बाद घटना को कंट्रोल करने के लिए अंबिकापुर से फोर्स मंगवाई गई।

प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि में विशाल मेले का आयोजन देवगढ़ में जनपद पंचायत उदयपुर की ओर से संचालन की जाती है। मेला में आसपास से लेकर दूरदराज के लाखों लोग श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा पाठ के साथ जलाभिषेक करने पहुंचते हैं जो इस वर्ष तीनों दिन मिलाकर 2 लाख तकरीबन लोग पहुंचने की आंकड़ा लगाइ गई. कोरोनाकाल के कारण बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम भीड़ रही, जहां 1200 से 1500 के करीब व्यापारी दुकान लगाए। 

मेला में पहुंच रहे लाखों लोगों को व्यवस्थित के साथ कंट्रोल करने में प्रशासनिक अमला की जिम्मेदारी होती है। तीनों दिन के मेला में व्यवस्था के साथ शांति व्यवस्था कराए जाने में सरगुजा पुलिस की अहम भूमिका होती है जो इस वर्ष मेला के दूसरे और आखिरी दिन लोगों के साथ गैंग बनाकर कई लोग बदसलूकी भी करने लगे जिन्हें लोगों के द्वारा समझाइए इस किए जाने के बाद भी लोग नहीं माने लिहाजा उनके ऊपर ही बदमाश ग्रुप के लोग बरसने लगे मामले की जानकारी मौजूद पुलिस अधिकारियों को दिए जाने के बाद दल बल के साथ पहुंच कर शांति व्यवस्था कराने की कोशिश करने लगे इसी बीच 30-40 के साथ गैंग बनाकर पुलिस वालों के साथ ही लोग बरस पड़े। उदयपुर पुलिस के द्वारा मामले की जानकारी हाईकमान को दी गई रात को ही अंबिकापुर से दो बस पुलिस की फोर्स उदयपुर थाने पहुंची तब तक मामला शांत हो चुका था।

देवगढ़ में बदमाशों ने एक व्यापारी को मार कर हाथ भी तोड़ा :
मेला में बिश्रामपुर निवासी अब्बास अली दोसा की दुकान और सब्बर अली होटल किया था मिला के दूसरे दिन उनके स्टाफ नदी किनारे शौच हेतु गया था जिनके ऊपर 5-6 लोग अनावश्यक झगड़ा करने लगे जिन्हें दुकान संचालन के द्वारा पुलिस सहायता केंद्र में तत्काल जानकारी देने के बाद समझाइश की गई थी मेला के तीसरे दिन उन्हीं के गैंग वालों ने दुकान बंद होने के बाद मौके पहुंचकर फुलकी और गुटखा की मांग करने लगे मामले को लेकर विवाद झगड़ा में बदल गई और डंडे के साथ हथियार से मारपीट चालू कर दी जिस दौरान सब्बर अली के सिर में चोट आई वहीं अब्बास अली के करीब 50 वर्षीय पिता कि दोनों हाथ टूट गई। जिन्हें खमरिया पीएससी में प्राथमिक उपचार के बाद उदयपुर इलाज की जा रही थी। मामले की रिपोर्ट पीड़ित पक्ष ने कलचा निवासी सत्यनारायण सिंह, विकास पैकरा और तुलेश्वर के साथ अन्य 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराई है जिसमें 8 धारा लगाकर पुलिस ने रात को ही 5 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेज दी। जिसमें एक नाबालिग भी सम्मिलित है।

व्यवस्थाओं को लेकर कराया गया था अवगत :
सर्व कुम्हार समाज संगठन सरगुजा जिले के जिला अध्यक्ष परमेश्वर प्रजापति के द्वारा देवगढ़ मेला के अव्यवस्थाओं को लेकर 27 फरवरी को जिला कलेक्टर सरगुजा को लिखित आवेदन देकर देवगढ़ प्रांगण की गतिविधि को अवगत कराया था जिस पर उदयपुर एसडीएम को निर्देशित की गई थी जिसका पहल नहीं किया जा सका। मेला में कई दुकान व्यवसायियों को अनावश्यक लोगों द्वारा परेशानी भुगतनी पड़ी।

मेला समिति का नहीं दिखा सक्रिय :
इस वर्ष जलाभिषेक करने हेतु मंदिर के मेन गेट पर ही व्यवस्थाएं बनाई गई थी जिसके कारण मंदिर प्रांगण में चोरी की घटना नहीं घट सकी, वही मेला समिति बनाई गई थी जिनके द्वारा मेला को व्यवस्थित करने में विशेष सक्रियता नहीं रहा।

जनपद अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ वारदात :
तहसीलदार सुभाष शुक्ला,एसडीएम अनिकेत साहू, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के साथ जनपद कर्मचारी भी मौजूद रहे शाम होने के बाद एसडीएम के निर्देश में पुलिस वालों ने दल बल के साथ मेला के गलियों में घूम घूम कर दुकानदारों को बंद कराने के साथ शांति व्यवस्था कराने लगे जिसके बाद भी लोगों की बदमाशी पर रोक नहीं लग सकी।

बिना आदेश के मौत कुआं चलवाई गई :
मेला में दो लोगों की मौत कुआं का खेल दिखाने 1 माह पूर्व से तैयारी करने लगे अंतिम क्षण तक शासन के द्वारा आदेश नहीं मिलने के कारण अंबिकापुर निवासी के द्वारा लगाए गए मौत कुआं नहीं चलाई गई जबकि झारखंड के द्वारा लाई गई मौत कुआं मालिका संबंधित अधिकारियों से आपसी मेल मिलाप कर मेला के तीसरे दिन बिना परमिशन लिए दिन भर खतरों की कारनामा दिखाई गई जबकि प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। एसडीएम ने कहा 2 घंटे ही चली है।
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