जरही के इस स्कूल में नहीं हो रहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन... छात्रों के जीवन में छाया ख़तरा...

जरही के इस स्कूल में नहीं हो रहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन... छात्रों के जीवन में छाया ख़तरा...

@जरही//शशी रंजन सिंह।।

पिछले 11 महीनों से पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी स्कूलों व कॉलेजों को बंद रखा गया था, परन्तु पिछले 15 फ़रवरी से छत्तीसगढ़ में भी स्कूल व कॉलेजों को विभिन्न कोविड -19 सुरक्षात्मक गाइड लाईन के पालन की शर्त पर पुनः खोल दिया गया है। एक ओर जहाँ स्कूल व कॉलेजों के खुलने से छात्रों में उत्साह देखा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन व शिक्षकों की बड़ी लापरवाही भी देखने को मिल रही है, जिन शर्तों के पालन करने पर प्रशासन ने स्कूलों को खोलने की अनुमति दी थी उनमें से केवल कुछ ही नियमों का पालन किया जा रहा है।

सरगुजा के इस स्कूल में खेला जा रहा छात्रों की ज़िन्दगी से :

सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिलान्तर्गत स्थित "शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जरही, जिला - सूरजपुर" में शिक्षकों एवं प्रबंधन की लापरवाही से छात्रों के जीवन में संकट छा गया है, आपको बता दें इस स्कूल में प्रशासन द्वारा निर्धारित किसी भी नियम को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। यहाँ ना ही तो छात्रों की 50 % उपस्थिति रखी जा रही है, और ना ही टेम्प्रेचर चेक किया जा रहा है, आलम ये है की जिस टेबल पर 1 या 2 छात्रों को बैठाना चाहिए वहां वहां 4 से 7 छात्रों को बैठाया जा रहा है, मास्क भी छात्रों की इच्छा होनें पर ही पहना जा रहा है।

फ़ोटो में देखें कैसे छात्रों को जानबुझ कर बैठाया गया है. 

स्कूल प्रबंधन व शिक्षकों की इस लापरवाही के कारण कोई भी बड़ी घटना होनें की संभावना हमेशा बनी रहती है, अब सवाल यह है की इन्हीं लापरवाही के कारण यदि किसी छात्र को कोरोना संक्रमण होता है तो क्या शिक्षक व प्रबंधन इसकी जिम्मेदारी स्वयं लेंगे।

बरहाल अब तक इस पूरे मामले में ना ही तो प्रशासन का ध्यान गया है और ना ही जनप्रतिनिधियों का, ऐसे में यह लापरवाही निश्चित ही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।

50 % के स्थान पर 100% छात्रों को बैठाया जा रहा 

पिछले 11 महीनों बाद शुरू हुई हैं कक्षाएं :
छत्तीसगढ़ में कोरोना का पहला मामला 18 मार्च 2020 को आया था, कोरोना संक्रमित मरीज निकलने के बाद राज्य सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने का फैसला लिया था। केंद्र सरकार ने पूर्व में पिछले साल 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने का निर्देश जारी कर दिया था लेकिन कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कक्षाएं दोबारा शुरू नहीं की गई थी, अब प्रदेश में 11 महीने बाद दोबारा स्कूल और कॉलेज की कक्षाएं शुरू हुई है जिसमें शिक्षकों व प्रबंधन की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है।

प्रबंधन को विभिन्न गाइडलाइंस का करना होगा पालन :
शिक्षा मंत्री ने बताया था कि कक्षाओं में कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए क्लास दोबारा खुलनें पर स्टूडेंट्स को सभी जरूरी गाइडलाइंस का पालन करना होगा।

स्कूल खोलने से पूर्व स्कूल प्रबंधकों को भी कोविड गाइडलाइन्स का पूरा पालन करना होगा, स्कूल प्रबंधकों को अपने परिसर में सेनिटाइजेशन कराना अनिवार्य होगा, साथ ही हर विद्यार्थी का टेंपरेचर चेकअप भी करना था। 


स्कूल परिसर में मौजूद शिक्षकों और छात्रों को मास्क पहनना तथा सैनिटाइजर लाना अनिवार्य है, विद्यार्थियों को कक्षाओं में शारीरिक दूरी बना कर रखनी बैठना आवश्यक है, कैंपस में भी बच्चे एक दूसरे के करीब ना रहे, यह ख्याल स्कूल प्रबंधन को रखना था।

इन सभी नियमों को ताक पर रख शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जरही में के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है, प्रशासन व जिम्मेदारों को इस सम्बन्ध में जल्द से जल्द कार्यवाही करनी चाहिए।


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