भारत रत्न स्व.श्री अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय राजनांदगांव में 13 वर्ष की बेटी जो रक्त की कमी से जूझ रही थी।
जिसके जीवन रक्षा के लिए रासेयो के ब्लू ब्रिगेड के स्वंय सेवक यशवंत कुमार टंडन ने एक फोन काल जानकारी मिलने पर तुरंत अस्पताल में आकर अपना प्रथम स्वैच्छिक रक्तदान किया।
उन्होंने रक्त की कमी से जूझ रही एक बेटी को रक्तदान कर मानवता का परिचय दिया।
*14 साल की उम्र से था रक्तदान करने का जूनून*
स्वंय सेवक यशवंत कुमार टंडन ने कहा कि मुझे 14 साल की उम्र से ही रक्तदान करने की इच्छा थी। मगर 18 वर्ष की आयु के बाद ही रक्तदान किया जा सकता है। तब यशवंत ने संकल्प लिया कि मैं अपनी 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर रक्तदान करूंगा।
*रक्तदान करने से शरीर में नहीं आती कोई कमजोरी*
यशवंत कुमार टंडन ने कहा कि रक्तदान करने से शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं होती बल्कि हमारा शरीर नये रक्त का निर्माण कर लेता है और शरीर में स्फूर्ति आती है और बहुत सारी बिमारियों दूर होती। रक्तदान एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है
*अपने चाचा विनोद कुमार टंडन से मिली रक्तदान करने की प्ररेणा*
यशवंत ने कहा कि मुझे रक्तदान करने की प्ररेणा मेरे चाचा श्री विनोद कुमार टंडन जी को रक्तदान करते हुए देखा जिससे यशवंत प्रेरित होकर संकल्प लिया कि मैं जब 18 वर्ष का हो जाउंगा तो मैं भी रक्तदान करूंगा और जरूरतमंदों की मदद करूंगा।
रक्तदान के इस नेक व पुण्य कार्य के लिए रासेयो के वरिष्ठ स्वंय सेवक कौशल गजेन्द्र, छात्र युवा मंच के विभाग प्रमुख विनोद कुमार टंडन, रूपेश साहू, संतलाल देवांगन व राष्ट्रीय सेवा योजना व छात्र युवा मंच के पदाधिकारियों व सदस्यगण ने यशवंत को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।