बिल्डर को एक मामले में मिला हाईकोर्ट से जमानत, अभी अन्य मामलो पर जमानत का करना होगा इंतजार.. पुलिस जुटी हैं कई मामलो के जांच में..

बिल्डर को एक मामले में मिला हाईकोर्ट से जमानत, अभी अन्य मामलो पर जमानत का करना होगा इंतजार.. पुलिस जुटी हैं कई मामलो के जांच में..

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बैकुंठपुर-भूमि सम्बन्धी धोखाधडी के मामले में बिल्डर संजय अग्रवालहाल में दर्ज पहले मामले मे माननीय हाईकोर्ट से जमानत मिल गई
हालाकिउन्हें इसके बाद भीअभी जेल में ही निरुद्ध रहना होगा। क्योंकि उन्हें अभी और मामलो में गिरफ्तार कर जेल में निरुद्ध किया गया है। जब तक पूरे मामले में जमानत नहीं मिल जाती उन्हें जेल में ही रहना होगा।
जानकारी के अनुसार संजय अग्रवाल को अगस्त सितम्बर में दर्ज एक मामले में हाईकोर्ट ने जमानत देदी है, हालाकि उनके कानूनी जानकारी अन्य मामलो मे जमानत के लिऐ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने मे जुटे हैं। वहीं बिल्डर संजय अग्रवाल के विरुद्ध है ज्यादातर भूमि क्रय विक्रय को लेकर दर्ज किए गए हैं। वे 3 सितम्बर 2020 से जेल निरुद्ध हैं। इसके पूर्व पहले उनके विरूद्ध कोइ  शिकायतकर्ताओं के सामने नहीं आने के कारण कार्यवाही नहीं हो पा रही थी। लेकिन एक मामले मे अपराध दर्ज होने के बाद जब उन्हें जेल जाना पड़ा इसके बाद एक एक कर कई मामले थाने में दर्ज हो चुके है।
कई आए दायरे में

बिल्डर के साथ कई और लोग अभी जेल में निरूद्ध है तो कईयों पर पुलिस अभी तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है। जमीन क्रय विक्रय करने में नियम विरूद्ध अनुमति दिये जाने को लेकर जिले के तत्कालीन अपर कलेक्टर अब रिटायर्ड एडमंड लकडा को कोरिया पुलिस ने अंबिकापुर से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। उनके मामले में जिला सत्र न्यायालय में लगायी गयी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई जिसके बाद उनका जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया इसके बाद अब वे हाईकोर्ट में जमानत लेने का प्रयास करेंगे। फिलहाल तत्कालीन व रिटायर्ड अपर कलेक्टर एडमंड लकडा जिला जेल बैकुंठपुर में निरूद्ध है। इनकी गिरफ्तार के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है और मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देकर जल्द रिटायर्ड अपर कलेक्टर को रिहा करने की मांग उठाई गयी। उनके समर्थन में प्रदेश भर के राज्य शासनिक सेवा के अधिकारी आ गये है। वहीं प्रेमाबाग के मामले में बिल्डर के साथ 5 आरोपियों को पुलिस ने जेल में निरूद्ध कर रखा है। इसके अलावा कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी पुलिस के रेडार में है, देखना है पुलिस और किस किस पर कार्यवाही करती है।
षडयंत्र में शामिल अधिकारियों पर कार्यवाही की तैयारी

कोरिया पुलिस जमीन खरीदी बिक्री के षडयंत्र में शामिल अधिकारियों पर कार्यवाही की बड़ी तैयारी में है। धारा 197 को लेकर केरल हाईकोर्ट का 14 जुलाई 1999 का वी पदभनाभन मामले में दिए निर्णय को लेकर पुलिस ऐसे अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। केरल हाई कोर्ट ने अपने 14 जुलाई 1999 के निर्णय में कहा था कि जहां तक धारा 120-बी के तहत दंडनीय आपराधिक षड्यंत्र का अपराध, धारा 409 भारतीय दंड संहिता के साथ पढ़ा गया है और भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम की धारा 5 (2) भी संबंधित है, चिंतित हैं कि उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता के धारा 197 में उल्लिखित प्रकृति के रूप में

नहीं कहा जा सकता है।
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