तंबाकू प्रोडक्ट पर जीएसटी का बड़ा खेल, दिल्ली-मुंबई के तार रायपुर से भी जुड़े...

तंबाकू प्रोडक्ट पर जीएसटी का बड़ा खेल, दिल्ली-मुंबई के तार रायपुर से भी जुड़े...

Avinash

देश के कई बड़े शहरों में तंबाखू प्रोडक्ट पर करोड़ों की जीएसटी चोरी के मामले का खुलासा होने के बाद रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पान मसाला का काम करने वाले कारोबारियों के रिटर्न को खंगाला जा रहा है। दिल्ली, मुंबई और उत्तरप्रदेश के कई शहरों में साल की शुरुआत में 831 करोड़ से ज्यादा की जीएसटी टैक्स चोरी केवल तंबाखू प्रोडक्ट में पकड़ी गई है। अफसरों का कहना है कि गुटखा की अवैध फैक्ट्री शुरू कर कारोबारी यह काम कर रहे हैं। सेंट्रल और छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग के अफसरों को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि इन शहरों में अवैध तंबाखू प्रोडक्ट के लिए लिंक रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर और कुछ बड़े शहरों से जुड़े हैं। इसके बाद ही इसकी जांच का दायरा बढ़ाया गया है।
पान मसाला, गुटखा और कच्चा माल जैसे चूना, सादा कत्था और तंबाखू के पत्तों की खरीदी-बिक्री में जमकर खेल हो रहा है। कई पान मसाला या गुटखा कारोबारी ऐसे हैं जो इन चीजों को एक जगह पर इकट्ठा कर गुटखा बना रहे हैं और उसे देश के कई राज्यों में बेच भी रहे हैं। छत्तीसगढ़ में तंबाखू वाला गुटखा प्रतिबंधित होने के बावजूद खुले आम बिक रहा है। अफसरों को इस बात की भी जानकारी मिली है कि पान मसाला बनाने वाले कारोबारी ही गुटखा भी बना रहे हैं। इस वजह से अब छापामार अभियान की भी तैयारी कर ली गई है। विभाग को यह भी पता चला है कि गुटखा या पान मसाला बनाने वाली फैक्ट्रियों का रजिस्ट्रेशन नहीं तक नहीं कराया जा रहा है। बिना किसी शुल्क या जीएसटी भुगतान के सप्लाई भी की जा रही है।

राजधानी के कई इलाकों में बड़े गोदाम भी
अफसरों का कहना है कि राजधानी के कई इलाकों में गुटखा के अवैध गोदाम बनाकर रखे गए हैं। यहां बड़ी मात्रा में गुटखा डंप कर रखा जा रहा है जिसे फर्जी ई-वे बिल से दूसरे शहरों में भेजा जाता है। कुछ साल पहले रायपुर में दो बड़ी गुटखा फैक्ट्रियां भी पकड़ी गई थी जहां अवैध गुटखा बन रहा था। पहले प्रशासन की सख्ती के बाद गुटखा का कारोबार थोड़ा धीमा हुआ, लेकिन अब किसी भी तरह की निगरानी या कार्रवाई नहीं होने की वजह से हर जगह गुटखा आसानी से उपलब्ध है।
कारोबारी इसी का फायदा उठा रहे हैं। वे पान मसाला का रिटर्न तो दाखिल करते हैं, लेकिन उसमें टैक्स बेहद कम दिया जा रहा है। पान मसाला की सामग्री से ही गुटखा बनाकर बाजार में बेच लाखों का फायदा लिया जा रहा है।




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