जहां से गुजरे राम, वहां की मिट्‌टी इकट्ठा करने निकलेगी रथ यात्रा...

जहां से गुजरे राम, वहां की मिट्‌टी इकट्ठा करने निकलेगी रथ यात्रा...

Avinash

श्रीराम ने वनवास के 12 साल छत्तीसगढ़ में बिताए थे। इस दौरान वे प्रदेश के कई इलाकों से होकर गुजरे थे। राज्य सरकार इन्हीं 51 स्थानों को चिन्हांकित कर राम वन गमन पथ का निर्माण कर रही है। इसी कड़ी में सरकार 14 दिसंबर को पर्यटन रथ यात्रा निकालने जा रही है। प्रदेश के उत्तरी छोर सीतामढ़ी और दक्षिणी छोर रामाराम से निकली यह रथयात्रा 17 दिसंबर को माता कौशिल्या के मायके चंदखुरी पहुंचकर समाप्त होगी। 19 जिलों से होकर गुजरने वाली यह यात्रा 1575 किलोमीटर लंबी होगी। हर जगह की मिट्‌टी रथ में इकट्‌ठा की जाएगी।
इधर, पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बुधवार को चंदखुरी पहुंचकर माता कौशिल्या के दर्शन किए। साथ ही यहां हो रहे सौंदर्यीकरण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अफसरों से रथयात्रा और बाइक रैली के संबंध में भी जानकारी ली। तय कार्यक्रम के मुताबिक, यात्रा जिन 19 जिलों से होकर गुजरेगी, रथ में वहां की मिट्टी भी रखी जाएगी। यात्रा में हर जिले के 30 बाइक सवार शामिल होंगे। ये बाइकर्स अपने जिले की सीमा तक ही यात्रा में रहेंगे। यानी यह किसी रिले रेस की तरह होगा, जिसमें रथ यात्रा के प्रतीक चिन्हों को एक जिले के बाइकर्स दूसरे जिले के बाइकर्स को सौंप देंगे। यात्रा जहां जहां से होकर गुजरेगी वहां रामायण पाठ भी होगा। निरीक्षण के दौरान मंत्री साहू ने कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन और एसएसपी अजय कुमार यादव को सरकार द्वारा चयनित 9 स्थानों की प्रदर्शनी और रुद्राक्ष का पौधा लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यात्रा में शामिल लोगों के लिए आवास, भोजन समेत दूसरी जरूरी व्यवस्था करवाने के निर्देश दिए हैं।

प्रदर्शनी में दिखाएंगे प्रदेश के ये 9 स्थान
सीतामढ़ी-हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, जगदलपुर और रामाराम।

मंदिर में झलकेगा दक्षिण कौशल का वैभव: साहू
मंत्री साहू ने कहा कि माता कौशिल्या का इकलौता मंदिर छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में है। मंदिर का निर्माण भी इसी अनुरूप होगा जिसमें दक्षिण कौशल का वैभव झलके। योजना के मुताबिक चंदखुरी को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित किया जाना है। प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ नागरिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। तालाब के बीचोबीच स्थित मंदिर-टापू को और भी आकर्षक बनाया जा रहा है। पौराणिक कथाओं से चंदखुरी के संबंध के अनुरूप पूरे परिसर के वास्तु को डिजाइन किया गया है। तालाब मंदिर तक पहुंचने के लिए तालाब में नये डिजाइन का पुल तैयार किया जा रहा है। तालाब में घाटों और चारों ओर परिक्रमा-पथ का निर्माण किया जा रहा है। गौरतलब है कि चंदखुरी में सौंदर्यीकरण तथा परिसर विकास का कार्य 2 चरणों में होगा। पहले चरण में 6 करोड़ 70 लाख खर्च किए जाएंगे। वहीं दूसरे चरण में 9.8 करोड़ खर्च होंगे।



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