निलंबनाधिन सुदीप श्रीवास्तव को शासन के आदेश से संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी के उप कुलसचिव के पद से हटाया गया... कई विवादों और आरोपों में थे शामिल...

निलंबनाधिन सुदीप श्रीवास्तव को शासन के आदेश से संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी के उप कुलसचिव के पद से हटाया गया... कई विवादों और आरोपों में थे शामिल...

@अंबिकापुर//सीएनबी लाईव।।

सरगुजा संभाग के बहुचर्चित यूनिवर्सिटी - संत गहिरा गुरु यूनिवर्सिटी के उप कुलसचिव पद पर पदस्थ सुदीप श्रीवास्तव को अंततः अपने मूल पैतृक संस्था छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनिकी विश्वविद्यालय भिलाई, जिला - दुर्ग में वापस भेजते हुए पद से हटा दिया गया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में सुदीप श्रीवास्तव द्वारा कोर्ट में निलंबन एवं विभागीय जाँच रोकने की याचिका लगाई गई थी जिस पर कोर्ट द्वारा कार्यवाही करते हुए उनकी याचिका को ख़ारिज कर दिया गया है। सुदीप श्रीवास्तव पर कई तरह के आरोपी पूर्व में लगते आये हैं, इनके कार्यों से ना ही शिक्षक खुश थे और ना ही छात्र, सुदीप श्रीवास्तव किसी विभागीय जाँच में भी सम्मिलित नहीं होते साथ ही आज तक सुदीप श्रीवास्तव द्वारा वीईसी (vec) लखनपुर कार्यालय में रिपोर्ट नहीं किया गया एवं स्वास्थ्य का बहाना बनाते हुए उपस्थिति दर्ज कराने से बचते रहे हैं, सुदीप श्रीवास्तव के खिलाफ कई एफआईआर भी दर्ज किये गए हैं। 

करोड़ो के घोटाले में थे शामिल:
विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज में हुए करोड़ो के घोटाले में सुदीप श्रीवास्तव भी शामिल थे, इंजीनियरिंग कॉलेज लखनपुर में वित्तीय गड़बड़ी के चारो आरोपियों में सुदीप श्रीवास्तव, गुरुप्रीत सिंह, डा. राजेश कुमार साहू (सह प्राध्यापक) एवं डॉ. हरिशंकर चंद्रा (सह प्राध्यापक-मैकेनिकल) शामिल हैं, इनमें से कुछ के खिलाफ पूर्व में छात्रों ने शैक्षणिक कार्यों में लापरवाही की शिकायत भी की थी!

सुदीप श्रीवास्तव के घोटालों की गिनती की जाये तो अनगिनत आरोपी उन पर लगते आये हैं, हालही में लगे आरोप की बात करें तो इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई करोड़ो की वित्तीय अनियमित्ता मामले में ऐसा आरोपी लगा था की प्राध्यापक गुरप्रीत सिंह के साथ मिलाकर सुदीप श्रीवास्तव ने ही इस घोटाले को अंजाम दिया है।

लाखों रूपये का कर चुके हैं गबन:
हालही में विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज लखनपुर में हुई वित्तीय अनियमित्ता मामले में ऐसा कहा गया था की सुदीप श्रीवास्तव और गुरप्रीत सिंह इन दोनों की जोड़ी ने मिल कर सारे घोटालों के 50% से भी अधिक राशि की हेरा-फेरी की थी, इनके आरोपों पर नजर डाले तो-

1.} 55 लाख 22 हजार 208 रु की वित्तीय अनियमित्ता!
2.} आईओसी (IOC) के अंतर्गत 03 लाख 23 हजार 652 रु का फर्जी भुगतान!
3.} सिविल वर्क में 01 लाख 80 हजार का बिना कार्य के भुगतान का आरोप!
4.} बिना प्रस्ताव व मांग के सामग्री क्रय!
5.} फर्जी बिल बनाना!
6.} बिना बिल एंट्री किये भुगतान करना!

ये थे मुख्य आरोप एवं धाराएं:
आरोप-
1.} अनियमित वित्तीय अपव्यय एवं छेड़छाड़!
2.} भुगतान में विलम्ब!
3.} लेखा में अनियमित पाया जाना!
4.} खरीदी गयी वस्तुओं का भौतिक सत्यापन ना पाया जाना!
5.} TEQIP गाइडलाइन एवं अनुबंधों में वित्तीय की अवहेलना एवं सत्यापन का आभाव!

लगी हैं ये धाराएं -
छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता की धारा 9, 12, 13, 17, 23, 25 एवं 299 व 300. इन सबके अलावा छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनिकी विश्वविद्यालय की परिनियम 32 की कडिका 12-1, 12-2 के उल्लंघन की धाराएं इन चोरों आरोपियों पर लगी थी। सुदीप श्रीवास्तव पर यह भी आरोपी है की वे विभागीय जाँच में भी सम्मिलित नहीं होते। 

ऐसे कई मामले हैं जिनमें सुदीप श्रीवास्तव के सीधे हाथ होने के आरोप लगे थे, परन्तु साक्ष्यों की कमी के कारण इन पर कोई कठोर कार्यवाही नहीं की जय सकी थी।

यह लिखा है उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में: 
पत्र में उल्लेखित है की सुदीप श्रीवास्तव सहायक प्राध्यापक (विद्युत इजीनियरिंग) संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग महाविद्यालय लखनपुर जिला-सरगुजा को विभागीय समसंख्याक आदेश दिनांक 17/10/2019 द्वारा संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय सरगुजा, अम्बिकापुर में उप कुलसचिव के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया था उन्हें राज्य शासन एतदद्वारा सुदीप श्रीवास्तव (निलम्बनाधीन) उप कुलसचिव संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा, अम्बिकापुर की प्रतिनियुक्ति को समाप्त करते हुए उनकी सेवाएं मूल पैतृक संस्था छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई, जिला-दुर्ग को वापस लौटाया गया।



To Top