प्रेमिका को ले गए परिजन, प्रेमी ने लगाई फांसी, समाज के लोग बोले- शव को गांव मत लाना...

प्रेमिका को ले गए परिजन, प्रेमी ने लगाई फांसी, समाज के लोग बोले- शव को गांव मत लाना...

Avinash


पड़ोसी जिला जांजगीर-चांपा के बलौदा थाना अंतर्गत रसौटा गांव निवासी 25 वर्षीय राजेंद्र पोर्ते का प्रेम संबंध गांव की ही दूसरी जाति की युवती से था। 15 दिन पहले राजेंद्र उसे भगाकर अपने साथ कोरबा ले आया। यहां शहर के खरमोरा में मकान किराया लेकर वे रहने लगे थे। राजेंद्र राजमिस्त्री का काम करता था। 2 दिन पहले रविवार को युवती के परिजन पतासाजी करते हुए वहां पहुंचे, जहां से युवती को वह बहाने से अपने साथ ले गए। प्रेमिका को ले जाने के बाद राजेंद्र ने मकान का दरवाजा अंदर से बंद कर फांसी लगा ली। इसकी जानकारी सोमवार की शाम परिजन को हुई, जो देर रात वहां पहुंचे। मंगलवार की सुबह पुलिस ने उनकी मौजूदगी में वैधानिक कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजन राजेंद्र के शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान गांव में समाज के लोगों ने राजेंद्र द्वारा दूसरी जाति की युवती को भगाकर ले जाने की वजह से उसका बहिष्कार करते हुए शव को दूसरी जगह ले जाने को कहा। परिजन भी समाज के दबाव में गांव के बाहर शव को दफनाने कह दिए थे, लेकिन जब गांव में मृतक राजेंद्र के दोस्तों ने समाज के खिलाफ बगावत की और पुलिस से शिकायत करने की तैयारी करने लगे। तब समाज के लोगों ने गांव में अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी, लेकिन अंतिम संस्कार के दौरान उन्होंने दूरी जरूर रखी।

मंदिर में की थी शादी, युवती के परिजन जिम्मेदार
राजेंद्र के दोस्त अशोक चौहान ने बताया कि वह उसके भाई जैसा था। उसने दूसरी जाति की युवती से प्रेम किया। परिवार वाले तैयार नहीं हुए तो उन्होंने मंदिर में शादी की थी। इसकी जानकारी परिवार वालों को थी। युवती के परिजन ने कोर्ट में परिवार के लिए मर जाने संबंधी शपथ-पत्र बनाने के बहाने उसे अपने साथ ले गए। राजेंद्र को उन्होंने धमकी-चमकी दी थी। इस कारण उसने आत्महत्या की। युवती के परिजन इसके जिम्मेदार हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।


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