हाईकोर्ट के आदेश के बाद नेशनल इलिजबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (नीट) की नई मेरिट सूची बनेगी कि या नहीं, यह निर्णय पूरी तरह महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा की राय पर निर्भर हो गया है। बुधवार को डीएमई डॉ. आरके सिंह ने उनसे बात कर हाईकोर्ट के फैसले से अवगत कराया। वर्मा ने निर्णय पढ़ने के बाद के बाद ही राय देने की बात कही है। दूसरी ओर, एडमिशन में विवाद को देखते हुए डीएमई ने शासन को पत्र लिखकर एमबीबीएस, बीडीएस व बीपीटी प्रवेश नियम में संशोधन की मांग कर डाली है। उन्होंने इसके लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने का आग्रह किया है। प्रवेश नियम में संशोधन व कमेटी गठित की मांग का यह पहला मामला है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद एमबीबीएस में हुए एडमिशन पर तलवार लटक रही है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नीट के फार्म भरने के दौरान भरे गए राज्य को ही निवास माने। साथ फिर से नई सूची बनाई जाए। डीएमई के अधिकारी इस बात से घबराए हुए हैं कि अगर पुरानी सूची रद्द करते हैं तो एडमिशन लिए छात्र कोर्ट की शरण में जाएंगे और उनके खिलाफ मामला बनेगा। ऐसे में कोई भी निर्णय महाधिवक्ता की राय से लिया जाएगा। नई मेरिट सूची व आवंटन सूची बनाना आसान नहीं है। क्योंकि इसमें काफी विवाद हो सकता है। कई छात्रों के कॉलेज बदल सकते हैं। यही नहीं जिन्हें बीडीएस मिला है, उन्हें निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें मिल सकती हैं। क्योंकि वे मेरिट सूची में ऊपर आ जाएंगे। हालांकि ऐसा पहले हुआ है, जबकि डीएमई कार्यालय ने रातों रात आवंटन सूची बदली थी। तब कई छात्र आवंटन सूची से बाहर हो गए थे। हाल ही में पीजी की काउंसिलिंग में कई छात्रों के विषय बदल गए। दो से तीन छात्रों को कोई सीट नहीं मिली। एडमिशन का विवाद नया नहीं है।
छात्रों के खिलाफ एफआईआर कराएंगे पालक, कोर्ट जाएंगे
मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले दूसरे राज्यों के छात्रों के खिलाफ परिजन एफआईआर की मांग कर रहे हैं। वे इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले हैं। परिजनों का कहना है कि दो से तीन डोमिसाइल रखना गैरकानूनी है। ऐसे में छात्रों के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए।
इन दो नियमों पर विवाद व संशोधन की जरूरत
- निवास प्रमाणपत्र के लिए 10-12वीं की पढ़ाई छग में जरूरी नहीं।
- गरीब सवर्णों (ईडब्ल्यूएस सीट) के लिए ऑनलाइन पंजीयन के बाद के प्रमाणपत्र को मान्यता।
"महाधिवक्ता को हाईकोर्ट के निर्णय की जानकारी दी गई है। जरूरी दस्तावेज भी भेजे गए हैं। नए सिरे से मेरिट या आवंटन सूची बनेगी या नहीं, यह महाधिवक्ता की राय के बाद निर्णय लिया जाएगा।"
-डॉ. आरके सिंह, डीएमई
दूसरे राज्य के 9 छात्रों ने लिया है एडमिशन
दूसरे राज्यों के 9 छात्रों ने एमबीबीएस व बीडीएस में एडमिशन लिया है। डीएमई कार्यालय के प्रवक्ता डॉ. जितेंद्र तिवारी के अनुसार रायपुर में 3, सिम्स बिलासपुर व राजनांदगांव में 2-2, अंबिकापुर में एक छात्र ने एमबीबीएस में एडमिशन लिया है। वहीं भिलाई स्थित एक निजी डेंटल कॉलेज में एक छात्र ने बीडीएस में एडमिशन लिया है। हालांकि नीट की मेरिट सूची में 54 छात्र थे।