बाहरी के आरोप में जिसका मेडिकल दाखिला रद्द उसे हाईकोर्ट से स्टे, फंस सकती है काउंसिलिंग...

बाहरी के आरोप में जिसका मेडिकल दाखिला रद्द उसे हाईकोर्ट से स्टे, फंस सकती है काउंसिलिंग...

Avinash








चिकित्सा शिक्षा विभाग (डीएमई) ने जिस छात्रा को दूसरे राज्य का बताकर उनका एमबीबीएस एडमिशन रद्द किया था, उसे हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है। स्टे मिलने के बाद डीएमई कार्यालय में खलबली मच गई और डीएमई समेत दूसरे अधिकारियों ने इस पर मंथन किया। इसके बाद मामला राज्य के अटार्नी जनरल सतीशचंद्र वर्मा को भेजा गया है। उनका अभिमत मिलने के बाद शुक्रवार को आगे की काउंसिलिंग का फैसला होगा। फिलहाल तो काउंसिलिंग व एडमिशन की पूरी प्रक्रिया फंसती नजरआ रही है, जबकि इस साल कोरोना के कारण एमबीबीएस में एडमिशन की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है।

राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाली एक छात्रा ने डीएमई के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कहा कि छात्रा को नियमानुसार काउंसिलिंग में शामिल किया गया और एमबीबीएस सीट का आवंटन किया गया। उनके पास छग का निवास प्रमाणपत्र भी है। ऐसे में उनका एडमिशन कैसे रद्द किया जा सकता है? यही नहीं उन्हें न कोई नोटिस दिया गया और न ही उनका पक्ष जाना गया। सक्षम अधिकारी ने निवास प्रमाणपत्र जारी किया है। यह प्रमाणपत्र जीवित व ऑपरेटिव है और इसे कोई अधिकारी रद्द नहीं कर सकता। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि याचिकाकर्ता को राज्य कोटे के तहत एडमिशन के लिए अयोग्य उम्मीदवार नहीं माना जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी। इधर, एक को स्टे मिलने के बाद बाकी 7 मेडिकल व एक डेंटल छात्र भी हाईकोर्ट का रूख कर सकते हैं, जिनका दाखिला रद्द हुआ है। इससे एमबीबीएस व बीडीएस की दूसरी आवंटन सूची भी खटाई में पड़ सकती है, जिसे डीएमई कार्यालय ने बुधवार को ही जारी किया है।

फैसले का संभावित असर

  • निकाले गए छात्रों को राहत के आसार
  • पूरी काउंसिलिंग प्रक्रिया नए सिरे से
  • 31 दिसंबर के बाद सीटें होंगी लैप्स

यह था मामला : कुछ छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दूसरे राज्य के छात्रों का एडमिशन रद्द करने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने नीट फार्म में भरे राज्य को वास्तविक निवास मानने का निर्णय दिया था। इसके बाद डीएमई ने एजी से अभिमत मांगा था। पालकों ने मामले की शिकायत सीएम से भी की थी।

"हाईकोर्ट के निर्णय पर अटार्नी जनरल से अभिमत मांगा है। शुक्रवार को अभिमत मिलते ही आगे की कार्रवाई पर फैसला होगा।"
-डॉ. आरके सिंह, डीएमई छग



To Top