शांतिनगर में सौ साल पुरानी सिंचाई कालोनी को हटाकर नई कालोनी बनाने के लिए शुरू की गई दो चरणों की तोड़फोड़ पूरी कर ली गई है। इससे साढ़े 4 एकड़ जमीन खाली हुई है। इसमें नई कालोनी बनाने के लिए जल्दी ही आर्किटेक्ट कंसल्टेंड नियुक्त होंग। ड्राइंग-डिजाइन वही बनाएंगे। बचे हुए दो चरणों में 11 और 14 (कुल 25 एकड़) जमीन खाली की जाएगी। इसके लिए 200 से ज्यादा मकान हटाने पड़ेंगे, इसके बाद ही नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा।
शांतिनगर पुनर्विकास योजना (मल्टीस्टोरी काम्पलेक्स) पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसी के साथ तय हो गया कि हाउसिंग बोर्ड इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगा। सिंचाई कॉलोनी की जमीन जल संसाधन विभाग ने आवास पर्यावरण विभाग को ट्रांसफर कर दी है। वहां बसी 31 झुग्गियां भी हटा दी गईं। मौजूदा सिंचाई कॉलोनी के मकान चार फेज में हटेंगे। दो चरण के मकानों को हटाने के बाद अब फेज 3 में 11 एकड़ और फेज 4 में 14 एकड़ जमीन खाली कराई जाएगी। जमीन ट्रांसफर के साथ ही अब नए साल में आर्किटेक्चरल फर्म के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। आर्किटेक्ट ही लेआउट तय करेंगे। इस कांसेप्ट के तहत ही ऑफर रेट मंगाए जाएंगे। बोली के आधार पर बिल्डर या डेवलपर का चयन होगा।
100 साल पुरानी कालोनी का होगा कायाकल्प
राजधानी के शांति नगर में बनी सिंचाई कालोनी करीब 100 साल पुरानी है। अब पहली बार यहां मल्टीस्टोरी बिल्डिंग दिखाई देगी। दो साल के भीतर यह प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद है। हाउसिंग बोर्ड का दावा है कि कॉलोनी में सिंचाई विभाग को एडजस्ट करने के बाद बची जगह पर जो मकान बनेंगे उसे आम लोगों को बेचा जाएगा। इससे राज्य सरकार को 137.35 करोड़ रुपए से ज्यादा का फायदा होगा। नई मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने के लिए दूसरे राज्यों के शहरों की कॉलोनियों का भी सर्वे किया जा रहा है। बोर्ड ऐसी कॉलोनी बनाना चाहता है जिसमें पर्याप्त ग्रीनरी के साथ बेहतर डिजाइन उभर कर सामने आए। बड़ी जमीन होने की वजह से इस तरह के सुंदर प्रोजेक्ट यहां आसानी से बन सकते हैं।
ड्राइंग-डिजाइन बनवाएंगे
"फेज-1 और 2 की जमीन खाली करवा ली। बचे हुए बंगलों के परिवारों को नवा रायपुर और दूसरी जगह शिफ्ट कर रहे हैं। पूरा प्लाट खाली होने के बाद नए प्रोजेक्ट का ड्राइंग-डिजाइन बनवाएंगे।"
-डॉ. अय्याज तंबोली, कमिश्नर-हाउसिंग बोर्ड