भूपेश बघेल बोले- इन्हीं अफसरों के दम पर 15 साल करते रहे राज, अब उन्हें धमकाने की कोशिश न करें रमन सिंह...

भूपेश बघेल बोले- इन्हीं अफसरों के दम पर 15 साल करते रहे राज, अब उन्हें धमकाने की कोशिश न करें रमन सिंह...

Avinash


छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह की अफसरों को दी गई धमकी की तगड़ी राजनीतिक प्रतिक्रिया सामने आई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रमन सिंह इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें तो अच्छा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह 15 साल इन्हीं अधिकारियों के भरोसे राज करते रहे। आज ये अधिकारी हमारे हिसाब से काम कर रहे हैं। हमारी सरकार के फैसले के मुताबिक काम कर रहे हैं, तो इस तरह उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश न करें।

मुख्यमंत्री CII के एक आयोजन के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे। ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए लेन-देन के आरोपों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, अधिकारियों का ट्रांसफर परफॉर्मेंस के आधार पर होता है। उन्होंने कहा, रमन सिंह एक ट्रांसफर करने में दो साल लगा देते थे। ट्रांसफर सजा थोड़ी न है। हमारी सरकार में जो अधिकारी ठीक काम नहीं करते उनकी जगह पर दूसरे को मौका दिया जाता है। डॉ. रमन सिंह के बयान के खिलाफ कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, सत्ता हाथ से जाते ही रमन सिंह इतना बौखला गये की छोटे-छोटे अधिकारी-कर्मचारी को धमकी दे रहे हैं।

15 साल के शासन केे बाद जनता ने भाजपा को 15 सीट के लायक नहीं समझा

उन्होंने कहा, 15 साल के शासन के बाद भी 15 सीटों के लायक भी प्रदेश के मतदाताओं ने रमन सिंह और भाजपा को नहीं समझा। इसकी झुंझलाहट, बौखलाहट और गुस्सा डॉ. रमन सिंह ऐसी धमकियां दे के निकाल रहे है। जो पूरी तरीके से गलत है।

त्रिवेदी ने कहा, पैसा लेकर नियुक्ति का खेल रमन सिंह सरकार में खूब चला लेकिन अब बंद हो चुका है। शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आरोप लगाया, 15 साल के कार्यकाल के आखरी-आखरी में कहे अधिकारियों ने रमन सिंह सरकार में सौदा करके नियुक्तियां ली, लेकिन सत्ता जाने के बाद उन्हें भुगतान नहीं किया। रमन सिंह ऐसी धमकियों से उसी बकाए पैसे की वसूली करना चाहते हैं।

शुक्रवार को रमन सिंह ने दी थी धमकी

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शुक्रवार को कवर्धा में कहा था, अधिकारियों को गिने-चुने दिन ही रहना है। उन्हें इतने तलवे चाटने की जरूरत नहीं है। जबरदस्ती इतना स्वामिभक्त मत बनो। वक्त बदलता है। सरकार के दो साल बीत गए हैं। तीन साल बाद हिसाब-किताब करने हम भी आएंगे। इसलिए ज्यादा गर्मी न दिखाएं।

क्यों भड़के थे पूर्व मुख्यमंत्री

पूर्व मुख्यमंत्री कवर्धा के स्थानीय प्रशासन पर भड़के हुए थे। दरअसल कृषि संबंधी कानूनों के समर्थन में भाजपा पूरे प्रदेश में किसान महापंचायत कर रही है। शुक्रवार को दुर्ग संभाग स्तरीय पंचायत का आयोजन कवर्धा में होना था। स्थानीय भाजपा नेताओं ने कवर्धा के गांधी मैदान में सभा की अनुमति मांगी थी। एसडीएम कवर्धा ने इसकी अनुमति भी दे दी। 17 दिसम्बर की सुबह प्रशासन ने गांधी मैदान की अनुमति रद्द कर भाजपा को राजीव गांधी पार्क में सभा करने को कहा। अनुमति नहीं मिलने के बावजूद भाजपा ने गांधी मैदान में आयोजन किया।



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