
कोरोना की भेंट चढ़ चुके अधिकांश मुहूर्तों में अब एक ही मुहूर्त बचा है। यह मुहूर्त 10 दिसंबर है। इस दिन जिले में 5000 से 6000 शादियां होने का अनुमान है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कोरोनाकाल के चलते इस साल की ज्यादातर शादियां टलती रहीं। जोड़ों ने अब यदि 10 दिसंबर को भी शादी नहीं की तो उन्हें अगले साल 22 अप्रैल तक इंतजार करना होगा।
दरअसल, इस साल 10 दिसंबर के बाद कोई विवाह मुहूर्त नहीं है। ऐसा ग्रह-नक्षत्र और तिथियों के फेर की वजह से है। ज्योतिषियों का कहना है कि यह साल मुहूर्तों के लिहाज से बहुत अच्छा था। 2020 में विवाह के लिए 60 दिन शुभ मुहूर्त थे, जबकि 2021 में 49 ही मुहूर्त हैं। इस साल ज्यादातर मार्च से जून के बीच थे। ये सारे मुहूर्त कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन की भेंट चढ़ गए। अब 10 दिसंबर के बाद सीधे 4 माह बाद 22 अप्रैल से विवाह समेत सभी मांगलिक कार्य शुरू होंगे। 2021 में विवाह करने के लिए 50 शुभ मुहूर्त होंगे।
प्रशासन को शादी करने आठ दिन में मिले 4000 आवेदन
जिला प्रशासन को 8 दिन में ही शादियों के 8000 आवेदन मिले हैं जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस को भी भेजी जा रही है, ताकि विवाह के दौरान कोविड 19 से बचाव के लिए जरूरी नियमों का पालन करना सुनिश्चित करवाया जा सके। गौरतलब है कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए सरकार ने भी गाइडलाइन का पालन सख्ती से कराने पर जोर दिया है।
अगले साल 49 शुभ मुहूर्त, जानिए विवाह करने कौन सा दिन श्रेष्ठ
- अप्रैल: 22, 24, 25, 27, 28, 29, 30।
- मई: 1, 2, 7, 8, 9, 13, 14, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 28, 29, 30।
- जून: 3, 4, 5, 16, 20, 22, 23, 24।
- जुलाई: 1, 2, 7, 13, 15।
- नवंबर: 15, 16, 20, 21, 28, 29, 30।
- दिसंबर: 1, 2, 6, 7, 11, 13।
पंडितों का दावा- इस माह में साल के 6 मुहूर्त बाकी हैं
पं. डॉ. इंदुभवानंद का कहा, ऋषिकेश पंचांग के मुताबिक साल के आखिरी 6 मुहूर्त अब भी बाकी हैं। ये क्रमश: 6, 7, 8, 9 10 और 11 दिसंबर को पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ तिथियों में भद्रा आदि दोष पड़ रहे हैं लेकिन इसका प्रभाव एक निश्चित समयावधि तक रहेगा। पंडित और ज्योतिषियों से सलाह लेकर इन तारीखों पर विवाह संपन्न कराए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सबसे शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर को होगा क्योंकि इस दिन 8 रेखा का मुहूर्त है।
15 दिसंबर से लगेगा धनुर्मास, 17 जनवरी से होगा गुरु अस्त
ज्योतिषाचार्य डाॅ. दत्तात्रेय होस्केरे ने बताया कि 15 दिसंबर से धनुर्मास लग जाएगा जो 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति तक प्रभावी रहेगा। दरअसल सूर्य इस दौरान धनु राशि में आ जाते हैं इसीलिए इसे धनुर्मास कहा जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं कराए जा सकते। इसके बाद 17 जनवरी से गुरु पश्चिम की ओर अस्त हो रहे हैं जिनका उदय 12 फरवरी को होगा। इससे ठीक 4 दिन बाद यानी 16 फरवरी को शुक्र अस्त हो जाएंगे। यह अस्त एक माह का रहेगा। शुक्र के उदय में आते ही एक बार फिर मीनार्क प्रारंभ हो जाएगा। इन सभी दशाओं के चलते 22 अप्रैल से पहले सभी मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहेंगे। शहनाइयों पर ब्रेक रहेगा।
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