देना और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय होने के करीब डेढ़ साल के बाद ग्राहकों के पुराने खाते नंबर बदलने शुरू हो गए हैं। रायपुर सहित पूरे राज्य में एक लाख से जयादा ग्राहकों के खाते नंबर बदले जाएंगे। खाता बदलने की प्रक्रिया पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड है। किसी भी ग्राहक को न तो बैंक आने की जरूरत है और न ही किसी को कोई दस्तावेज जमा करना होगा। बैंक ने ग्राहकों को अलर्ट किया है कि किसी को भी अपने खाते से संबंधित जानकारी न उपलब्ध कराएं।
ऑन लाइन ठगी करने वाले ठग ऐसे ही मौके की ताक में रहते हैं। ठग ऐसे समय में बैंक के ग्राहकों को फोन कर उनसे सिस्टम बदलने का हवाला देकर खाते से संबंधित जानकारी प्राप्त कर पैसे उड़ा लेते हैं। ऑन लाइन ठगों के इस फार्मूले को देखते हुए ही बैंक ने खाता बदलने की पूरी प्रक्रिया को कंप्यूटराइज्ड रखा है। देना और विजया बैंक के ग्राहकों को खाता नंबर बदलने की सूचना उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर दी जा रही है। लोगों को जो एसएमएस भेजे जा रहे हैं उस मैसेज में उनका नया खाता नंबर बताया जा रहा है। बैंक अफसरों ने ग्राहकों से ठगी से भी बचने की अपील की है। ग्राहकों को स्पष्ट कर दिया गया है कि खाता नंबर बदलने के नाम पर बैंक की ओर से कोई फोन नहीं किए जा रहे हैं। इसलिए किसी को भी इस काम के लिए अपने खातों से संबंधित निजी जानकारी उपलब्ध न कराएं। गौरतलब है कि इस विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है।
साल के अंत तक सभी के खाते बदलेंगे
बैंक प्रबंधन का दावा है कि इस साल के अंत तक सभी पुराने खाते नंबर बदल दिए जाएंगे। रायपुर समेत छत्तीसगढ़ में ही एक लाख से ज्यादा खाता नंबरों को बदला जा रहा है। अभी तक बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक के ग्राहकों के लिए अलग काउंटर रखे जाते थे, लेकिन अब खाता नंबर अपडेट होने के बाद किसी भी काउंटर में ग्राहक अपना काम करवा सकेंगे। देना बैंक के एटीएम को पहले ही बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम में कनवर्ट किया जा चुका है। ऐसी दशा में एटीएम का उपयोग करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आ रही है।