
प्रवर्तन निदेशालय रायपुर की टीम ने शनिवार को शराब कारोबारी सुभाष शर्मा से जुड़े तीन चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के यहां दबिश दी है। इन पर आरोप है कि ये सुभाष शर्मा के द्वारा बैंक से लिए गए लोन को बेनामी कंपनियों में निवेश करते रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार संयुक्त निदेशक नितिन जैनम के नेतृत्व में ईडी की टीमों ने सुभाष शर्मा से जुड़े स्पेशल ब्लास्ट नामक फर्म के साथ-साथ सीए अमिताभ अग्रवाल, सुनील जौहरी व जोगलेकर के कार्यालयों को घेरा। कार्रवाई को सुबह से जारी है। टीमों ने शर्मा से संबद्ध सभी इंट्रियों वाले दस्तावेज और साफ्टवेयर अपने कब्जे में ले लिए हैं। सुभाष शर्मा के खिलाफ ईडी जनवरी 2020 से जांच कर रहा है। सुभाष पर आरोप है कि उसने वर्ष 2014-15 में कुछ बैंकों से करीब 35 करोड़ रुपए का लोन लिया था जिसे उसने पटाया नहीं और स्वयं को दिवालिया घोषित कर दिया। मामले की जांच के दौरान बैंकों ने पाया कि इन चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने शर्मा के लिए बेनामी कंपनियां बनाकर लोन की राशि का निवेश किया। इन कंपनियों के गठन में इन तीनों सीए की अहम भूमिका थी। यह भी जानकारी दी गई है कि शर्मा ने सर्वाधिक लोन पंजाब नेशनल बैंक से कई किश्तों में लिया और उसे अपनी इन फर्मों तक पहुंचाया।
इनमें से एक सीए के बारे में यह बताया जाता है कि वह उद्योगों से जुड़े प्रदूषण के मामलों का निपटारा करते हैं। वे उद्योगों करो पर्यावरण लाइसेंस दिलाने में बड़ी भूमिका रहती है। फिलहाल जांच जारी है। अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। मालूम हो कि इससे पहले आयकर विभाग ने लाभांडी में शर्मा की अचल संपत्ति सीज की है। शर्मा के रिंग बोर्ड पर बने आलीशान होटल पर भी कुछ साल पहले ताला जड़कर सील कर दिया था। यह होटल अब भी बंद ही है।
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