छत्तीसगढ़ महिला क्रांति सेना लक्ष्मी नाग की टीम द्वारा सुआ नृत्य गीत के द्वारा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखने लगातार जागरूक अभियान चलाया जा रहा है उक्त संबंध में लक्ष्मी नाग ने छत्तीसगढ़ भाषा में बड़े सरल तरीके से जानकारी देकर बताया की सुआ गीत असल म गौरा-ईसरदेव बिहाव के संदेशा दे के गीत नृत्य आय | हमर इहाँ जेन कातिक अमावस के गौरा-गौरी या कहिन गौरा ईसरदेव के पूजा या बिहाव के परब मनाये जाथे, वोकर सन्देश या नेवता देके कारज का सुआ के माध्यम ले करे जाथे| हमर इहां कातिक नहाये के घलो रिवाज हे | मुन्दरहा ले नोनी मन (कुवारी मन जादा)नहा-धो म के भगवान भोलेनाथ के बेलपत्ता,फूल,चन्दन और धोवा चांउर ले पूजा करथे, ताकि उहू मन ला उंकरे असन योग्य वर मिल सकय| अउ फेर तहां ले संझा के बेरा झम्मो जहाँ जुरिया के सुआ नाचे बर जाथे| सुआ नाचे के बुता सब्बो गाँव भर चलथे, एकर बदला म वोमन ल जम्मो घर ले सेर- चांउर या पैसा- रुपया मिलथे जे हा कातिक अमावस्या के दिन होये वाले गौरा ईसरदेव के बिहाव के परब ल पूरा करे के काम आथे| उंकर जम्मो व्यवस्था एकर ले ठउका पूर जाथे |
छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ महिला क्रांति सेना द्वारा सांस्कृतिक परंपरा को कायम रखने चलाया जा रहा अभियान...
November 11, 2020
@छत्तीसगढ़(वेब न्यूज़)//सीएनबी लाईव।।
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