
राजधानी में सड़क पर निर्माण सामग्री और तोड़फोड़ से निकलने वाला मलबा फेंकने पर निगम अब लोगों पर जुर्माना लगाएगा। इस जुर्माने की राशि से निगम मलबा फेंकवाएगा। मलबा फेंकने के लिए निगम किसी प्राइवेट एजेंसी से एग्रीमेंट करेगी। एजेंसी का काम सड़क से मलबा हटाना है। मलबा यदि शासकीय कामों से हुआ है या फिर सार्वजनिक वजहों से निगम खुद ही उसे उठवाएगा। यदि किसी प्राइवेट व्यक्ति ने सड़क पर मलबा फेंका है तो उससे फेंकने का खर्च जुर्माने के रुप में निगम वसूलेगा।निगम के सभी दसों जोन ने सीएंडडी वेस्ट यानी निर्माण कार्यों से निकलने वाले वेस्ट को उठाने और फेंकने के लिए प्राइवेट एजेंसियों से आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) मंगवाया है। एजेंसियां प्रति ट्रिप मलबा उठाने का अपना चार्ज बताएगी। सबसे न्यूनतम दर वाली एजेंसी को ठेका दिया जाएगा। यह ठेका एक साल का होगा। काम अच्छा होने पर ठेका बढ़ाया जा सकेगा।
सफाई के लिए 3 सिस्टम, निगम समेत 4 एजेंसियां करेंगी काम
शहर में सफाई को लेकर अब तीन तरह का सिस्टम हो जाएगा। नालियों से कचरा निकालने और उठाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। फिलहाल सड़कों की सफाई भी निगम प्लेसमेंट कर्मचारियों से करवा रहा है। घरों से गीला और सूख कचरा उठाने की जिम्मेदारी सालाना 35 करोड़ में रामकी कंपनी को दिया गया है। सड़कों की सफाई मशीन से कराने के लिए निगम ने टेंडर जारी किया है। अगले महीने से सड़कों की सफाई के लिए दूसरी प्राइवेट एजेंसी काम शुरू करेगी। निर्माण सामग्री हटाने के लिए भी अब प्राइवेट एजेंसी काम करेगी। इस तरह शहर की सफाई में तीन प्राइवेट कंपनियां और फिर नगर निगम मिलाकर चार एजेंसियां काम करेंगी।
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