कमाने खाने के लिए जम्मू कश्मीर गया पिहरीद का युवक घनश्याम जाटवर गलती से भारत के बॉर्डर को पार कर पाकिस्तान पहुंच गया था। तब से वह पाकिस्तान सरकार की ही कस्टडी में था। बताया जा रहा है कि उसे इस्लामाबाद की जेल में रखा गया था।
छह साल बाद युवक की रिहाई हुई है, अब वह अपने वतन पहुंच चुका है। वह अमृतसर में है। उसे लेने के लिए जिले से पुलिस व प्रशासन की टीम उसके परिवार वालों को लेकर जाएगी।
जिले के मालखरौदा क्षेत्र के पिहरीद का सम्मेलाल जाटवर, अपने परिवार के साथ छह साल पहले 2014 में जम्मू कश्मीर कमाने खाने के लिए लिए गया था। सम्मेलाल का परिवार नवाशहर के ईंट भट्ठे में काम करता था। यहां से सम्मेलाल का 19 साल का बेटा घनश्याम जाटवर, 14 अप्रैल 2014 को कहीं चला गया।
काफी खोजबीन के बाद भी युवक का कोई पता नहीं चला। इसके बाद युवक का परिवार वापस अपने गांव आ गया। युवक भारत-पाकिस्तान सीमा को पार कर पाकिस्तान पहुंच गया था। युवक को अमृतसर के पास पाकिस्तानी सीमा में बाॅर्डर में पकड़ा और अपने कैंप में रख लिया। युवक के पाकिस्तान बॉर्डर पार करने की जानकारी मिलने पर उसके घरवालों ने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर युवक के रिहाई की गुहार लगाई थी।
तत्कालीन सांसद कमला पाटले ने उस समय के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को चिट्ठी लिखकर परिजन की गुहार से अवगत कराया था। अब जानकारी मिली है कि युवक को पाकिस्तान सरकार ने छोड़ दिया है और वह अमृतसर कैंप में है, वहां से प्रशासनिक टीम लेकर आएगी।