कांग्रेस सरकार के 20 महीने पूरे हो चुके हैं। सरकार बनने के बाद कार्यकर्ताओं का सबसे ज्यादा ध्यान निगम-मंडल, आयोगों के साथ ही अन्य पदों पर होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों पर है।
निगम-मंडल की पहली सूची में कई बड़े नेता एडजेस्ट किए जा चुके हैं लेकिन इसके बाद दूसरी सूची के लिए कार्यकर्ताओं का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है।
निगम-मंडलों के साथ ही यदि अन्य विभागों में नियुक्तियां की जाती हैं तो प्रदेश भर के कम से कम डेढ़ से दो हजार कार्यकर्ता एक बार में एडजेस्ट हो जाएंगे।
प्रदेश में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों में अकेले निगम-मंडल में ही लगभग ढाई से तीन सौ कार्यकर्ता एडजेस्ट हो जाएंगे।
इसके अलावा प्रदेश, जिला औैर ब्लॉक स्तर पर कई ऐसे विभाग हैं जिनमें स्थानीय स्तर के कार्यकर्ताओं को पद देकर उन्हें संतुष्ट किया जा सकता है।
लगभग 15 साल बाद सत्ता में आए कांग्रेसी किसी न किसी पद को लेकर सरकार की ओर आस लगाए बैठे हैं।
यही वजह है कि बीच-बीच में कार्यकर्ताओं की नाराजगी की खबरें भी आती रहती हैं। लेकिन पार्टी के कुछ नेता इसे स्वीकार करते हैं लेकिन कुछ इसे टाल जाते हैं। दरअसल सीएम भूपेश बघेल ने दो दिन पहले इस बात के संकेत दिए थे कि निगम-मंडल की दूसरी सूची जल्द घोषित कर दी जाएगी।इसके बाद से ऐसे कार्यकर्ता एक बार उत्साहित नजर आ रहे हैं।
इन सब विभागों में भी राजनीतिक नियुक्तियां
पार्टी सूत्रों का कहना है कि निगम-मंडल के अलावा जिन विभागों में प्रदेश के साथ ही जिला तथा ब्लॉक स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियां की जाती हैं उनमें जेल तथा उपजेल में संदर्शक, परिवहन विभाग में सलाहकार, 20 सूत्रीय कार्यक्रम में सदस्य, जिला उपभोक्ता न्यायालय में सदस्य, अल्पसंख्यक कल्याण समिति, नगर पंचायत के एल्डरमैन, बाल संरक्षण न्यायालय में सदस्य, मंडी समिति में अध्यक्ष या भारसाधक अधिकारी के अलावा गौठान समितियां भी शामिल हैं।