कोविड हॉस्पिटल में गूंजी किलकारी, इधर निजी सेंटर में 90 साल के बुजुर्ग ने कोरोना को हराया

कोविड हॉस्पिटल में गूंजी किलकारी, इधर निजी सेंटर में 90 साल के बुजुर्ग ने कोरोना को हराया

Avinash

जिले के कोविड हॉस्पिटल और आईटीआई स्थित निजी कोविड अस्पताल में अलग-अलग केस में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच राहत की खबर सामने आई है। कोविड हॉस्पिटल में कुसमुंडा क्षेत्र के विकास नगर निवासी एक 22 वर्षीय कोरोना संक्रमित गर्भवती ने बालक को जन्म दिया है। गर्भवती एक हफ्ते पहले 10 अक्टूबर को कोरोना संक्रमित मिली थी।

बिना लक्षण के होने से वह होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा रही थी। शनिवार की सुबह पीड़ा उठने पर परिजन ने इसकी सूचना हेल्प लाइन नंबर पर दी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रसव के लिए उसे कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां सुबह करीब 11.25 बजे डॉक्टर प्रिंस जैन के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने प्रसव कराया और स्वस्थ बालक का जन्म हुआ।

इससे कोविड हॉस्पिटल में नवजात की किलकारी गूंज उठी। इसी तरह शहर के आईटीआई चौक के पास खुले एक निजी कोविड सेंटर में भर्ती नेहरु नगर (बालको नगर) के 90 वर्षीय मरीज ने ठीक होकर कोरोना को हराया। मरीज को पैर-हाथ में दर्द होने पर परिजन ने 6 अक्टूबर को निजी अस्पताल ले गए थे।

जहां कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव आने पर अस्पताल के ही निजी सेंटर में भर्ती किया गया, जहां मेडिकल टीम ने लगातार निगरानी में रखते हुए इलाज किया। इससे बुजुर्ग मरीज सिर्फ 8 दिन में ही स्वस्थ हो गए, जिन्हें ठीक होने पर सेंटर से छुट्‌टी दी गई। हालांकि उक्त निजी सेंटर में बालको नगर के एक कोरोना संक्रमित व्यापारी की भी शनिवार को मौत हुई है।

कलेक्टर ने की मेडिकल टीम की सराहना
कलेक्टर किरण कौशल ने कोविड हॉस्पिटल में संक्रमित महिला मरीज के प्रसव कराने और बेटा होने की बधाई देने के साथ ही कोविड हॉस्पिटल के मेडिकल टीम की सराहना करते हुए उनका हौसला बढ़ाया है। इससे पहले 1 अक्टूबर को भी कोविड हॉस्पिटल में रजगामार निवासी एक कोरोना संक्रमित गर्भवती का मेडिकल टीम ने प्रसव कराया था। उस दौरान भी बालक का जन्म हुआ था।

इलाज के साथ ही दिया मोटिवेशन
बुजुर्ग मरीजों के लिए कोरोना संक्रमण जानलेवा माना जाता है, क्योंकि उनकी इम्युनिटी पावर कम रहती है। ऐसे में कोरोना संक्रमित होने पर लोग तनाव में आ जाते हैं। निजी सेंटर के डॉक्टर के मुताबिक इसे ध्यान में रखते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के साथ ही उन्हें मोटिवेशन भी दिया जाता है। 90 वर्षीय बुजुर्ग मरीज के सेहत में भी लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा था, लेकिन इलाज के साथ मोटिवेशन के कारण उन्होंने जल्द स्वस्थ होकर कोरोना से जीत हासिल की।



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