@रायपुर // सीएनबी लाईव।।
छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से धान खरीदी की जाएगी। पिछले साल की तुलना में इस साल 85 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। सरकार किसानों से अभी प्रति क्विंटल 25 सौ रुपए की दर से ही भुगतान करेगी। धान खरीदी की तैयारी के लिए दो नवंबर को मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक होगी। एक नवंबर को सरकार किसानों को धान की तीसरी किस्त भी देने जा रही है। वहीं इसी वित्तीय वर्ष में चौथी किस्त भी दी जाएगी। बताया गया है कि राज्य सरकार ने प्लास्टिक के बारदानें खरीदने की तैयारी कर ली थी लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि धान की खरीदी जूट के बारदानों में ही की जाए। वर्तमान में सरकार को धान खरीदी के लिए 14 लाख गठान बारदानों की तत्काल जरूरत है। बारदानों की उपलब्धता को लेकर भी बैठक में चर्चा की जाएगी। जानकारी के मुताबिक खाद्य विभाग ने पीडीएस और राइस मिलों में मौजूद बारदानों को वापस मंगाया है। लेकिन यहां पर उतने बारदानें नहीं हैं जितनी खरीदी के लिए जरुरत है। दरअसल कोलकाता में जूट मिल बंद होने से बाजार में बारदानें उपलब्ध नहीं हैं ऐसे में ऐसे में बारदानों का संकट हो सकता है। सरकार ने धान खरीदी को सुचारु रुप से चलाने के लिए 800 नई समितियों का गठन किया है।
19 लाख पंजीकृत किसान, पिछले साल 83 लाख टन हुई थी खरीदी
पिछले खरीफ सीजन में धान बेचने के लिए कुल 19 लाख किसान पंजीकृत हुए थे। इन सभी किसानों को इस बार दोबारा पंजीयन कराने की ज़रुरत नहीं है। जो किसान अपना पंजीयन कराना चाहते हैं उनके लिए निर्धारित तिथि 10 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। सरकार ने पिछले साल 83 लाख टन धान खरीदी थी। उत्पादन को देखते हुए इस बार खरीदी का लक्ष्य भी बढ़ा दिया गया है। बता दें कि विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष की ओर से पंजीयन की तिथि बढ़ाने की मांग की गई थी, जिस पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने तत्काल सहमति दी।