महीनों के सन्नाटे के बाद करीब एक माह पहले ट्रेनें चलना शुरू हुईं और अब संख्या तेजी से बढ़ी है। पिछले 15 दिन में राजधानी के स्टेशन से ढाई सौ ट्रेनें गुजरी हैं, जिनमें 24 हजार यात्री सफर के लिए यहां से सवार हुए। गुरुवार को राजधानी से 13 जोड़ी (कुल 26) ट्रेनें गुजरीं, इसलिए स्टेशन में भीड़ बढ़ी है। कुछ दिन बाद ही रोजाना ट्रेनों की संख्या बढ़कर 32 हो जाएगी।
इसी के साथ कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है और नियंत्रण के लिए रेलवे के इंतजाम नाकाफी नजर आने लगे हैं। सारनाथ एक्सप्रेस शुरू होने की वजह से रिजर्वेशन काउंटरों पर भीड़ और बढ़ गई है। भास्कर टीम ने गुरुवार को स्टेशन में कोरोना रोकने के इंतजामों के सर्वे में पाया कि रिजर्वेशन काउंटर पर लाइन और भीड़ इतनी बढ़ी है कि टिकट लेने में कम से कम दो घंटे लग रहे हैं। राजधानी के स्टेशन में कुछ दिन पहले तीन रिजर्वेशन काउंटर शुरू किए गए थे। तब ट्रेनें बहुत कम चल रही थीं और यात्री भी नहीं के बराबर थे। लेकिन अब ट्रेनों के साथ-साथ भीड़ भी बढ़ गई है लेकिन पीआरएस काउंटर तीन ही हैं। यही वजह है कि यात्रियों को एक टिकट बुक करने के लिए भीड़भरी लाइन में दो घंटे रहना पड़ रहा है। स्टेशन के बुकिंग काउंटरों पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मार्क नहीं लगाए गए हैं और वहां सेनिटाइजेशन के इंतजाम भी नहीं है। कोरोना के डर से काउंटरों पर व्यवस्था बनाने के लिए रेलवे पुलिस भी नजर नहीं आई।
पिन कोड का नया झंझट
टिकट रिजर्वेशन काउंटर पर यात्रियों की दिक्कत उस समय बढ़ रही है, जब उन्हें फार्म में यहां और गंतव्य, दोनों शहरों का पिन कोड लिखने के लिए कहा जा रहा है। अधिकांश यात्रियों को अपना शहर और गंतव्य, दोनों के पिनकोड याद नहीं रहते। इस वजह से बुकिंग की लाइन में वक्त ज्यादा लग रहा है। गुरुवार को शाम 5 बजे सारनाथ एक्सप्रेस की टिकट लेने गए मनीष मिश्रा ने बताया कि टिकट का फार्म देने के बाद बुकिंग क्लर्क इसे लौटाकर पिन कोड भरने के लिए कहते हैं।
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