सरगुजा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल से महीनों पहले भागा कैदी हुआ घर से गिरफ्तार...

सरगुजा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल से महीनों पहले भागा कैदी हुआ घर से गिरफ्तार...



@अंबिकापुर.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जनरल मेडिकल वार्ड से फरार सजायाफ्ता कैदी दिलभरन उर्फ जोधा पिता बैजनाथ कंवर (40) निवासी ग्राम करौंटी बी, थाना झिलमिली जिला सूरजपुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कैदी तीन जून को तबीयत खराब होने पर मेडिकल कालेज अस्पताल के जनरल मेडिकल वार्ड में जेल गार्ड की निगरानी में भर्ती था, जो पांच जून की सुबह जेल गार्ड द्वारा उपचार हेतु के लिए अन्य कैदियों को शौच के लिए ले जाने के दौरान मौके का फायदा उठा हथकड़ी निकाल अस्पताल से भाग गया।

इसकी सूचना रक्षित केंद्र अंबिकापुर के द्वारा मणिपुर पुलिस चौकी में दी गई थी, जिस पर पुलिस धारा 224 का मामला कायम कर कैदी की पतासाजी में लगी थी। उक्त कैदी पूर्व में धारा 302 के तहत अंबिकापुर के केंद्रीय जेल में सजा काट चुका था और रिक्शा चालक होने व अंबिकापुर में रिक्शा चला जीविकोपार्जन कर रहा था। गांधीनगर क्षेत्र में रहने के कारण वह शहर की गलियों से से भलीभांति परिचित था। अस्पताल से फरार होने के बाद वह पुलिस से लुक-छिप कर समय बिता रहा था!

लॉकडाउन के समय फरार हुए सजायाफ्ता कैदी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज ने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए थे। एसपी ने एएसपी व सीएसपी को भगोड़े कैदी की गिरफ्तारी के लिए टीम गठन करने कहा था, जिस पर मणिपुर पुलिस चौकी प्रभारी ओमप्रकाश यादव, सहायक उप निरीक्षक विजय गुप्ता, आरक्षक महेश्वर शरण सिंह, दिनेश यादव, विकास सिन्हा तथा पुलिस चौकी चंद्रा से उपनिरीक्षक आराधना बनौदे, प्रधान आरक्षक राजकिशोर खलखो, आरक्षक संतोष जायसवाल, सुशील मिश्रा, कमलेश मानिकपुरी की टीम को जिम्मेदारी सौंपी थी!

पुलिस टीम फरार कैदी के तलाश में लगी थी। इसी बीच 13 सितंबर की रात मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली की आरोपित दिलभरन अपने घर ग्राम करौटी बी, परिवार से मिलने आया हुआ है, जिसे पुलिस टीम ने घेराबंदी कर पकड़ा। फरार कैदी ने पूछताछ में बताया कि वह पहले भी केंद्रीय जेल अंबिकापुर में सजा काट चुका था, वर्तमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। जेल में सजा काटते उसका पूरा जीवन गुजर जाएगा इसी डर से मौके का फायदा उठाकर वह सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर भागते अस्पताल के पीछे तालाब के पास अपने पहने हुए जेल के कपड़े को फेंक दिया और मेहनत, मजदूरी कर मांगते-खाते जंगल में छिपकर जीवन गुजर-बसर कर रहा था। 13 सितंबर की रात वह घर में पत्नी, बच्चों से मिलने आया था। इसी दौरान पकड़ा गया। आरोपित कैदी दिलभरन धारा 450, 376 (2)(1), 376 (2), 323 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहा है!!!
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