@रायपुर•
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की संचालक ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को काम पर लौटने का आदेश दिया है। साथ ही कर्मचारी संघ के अनुरोध को ठुकरा कर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। संविदा कर्मचारियों ने कोरोना संक्रमण के चलते जनहित में बिना वेतन वॉलेंटरी सर्विस देने की बात कही थी।
दरअसल, हड़ताल पर गए संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने एनएचएम को पत्र लिखकर कहा था कि वे अपनी हड़ताल वापस नहीं लेंगे। हालांकि उन्होंने यह जरूर लिखा था कि संक्रमण के फैलते प्रभाव और लोगों की परेशानी को देखते हुए वह अपनी सेवाएं जरूर देंगे, लेकिन इसका वेतन नहीं लेंगे। वह लोगों को वॉलेंटरी सेवा देंगे।
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में वॉलेंटरी कार्य का प्रावधान नहीं:
इसके जवाब में एनएचएम संचालक ने संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत कुमार सिन्हा को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं में वालेंटियर के रूप में कार्य करने का कोई प्रावधान नहीं है। अतः इस संबंध में इस कार्यालय की ओर से कोई भी अनुमति नहीं दी जा सकती।
स्वास्थ्य सेवाओं में कार्य करने से इनकार पर है प्रतिबंध:
संचालक ने अपने पत्र में साफ लिखा है कि कोरोना संक्रमण के चलते राज्य मे अत्यावश्यक सेवा संधारण अधिनियम लागू है। इसके तहत स्वास्थ्य सेवाओं में कार्य करने से इनकार करने पर प्रतिबंध है। अगर कोई ड्यूटी से इनकार करता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने लिखा है कि हड़ताल खत्म कर काम पर लौटे, नहीं तो कानूनी कार्रवाई होगी।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव की अपील भी नहीं आई काम:
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी तीन दिन 19 सितंबर से हड़ताल पर हैं। उनके हड़ताल पर नहीं जाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी अपील की थी। साथ ही कहा था कि स्थिति सुधरने पर बैठकर बात की जा सकती है। हालांकि उनकी अपील काम नहीं आई और प्रदेश में 13000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।