छत्तीसगढ़ राज्य अतिथि/संविदा प्राध्यापक संघ ने शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर के प्राचार्य पर की त्वरित जांच कार्यवाही की मांग...

छत्तीसगढ़ राज्य अतिथि/संविदा प्राध्यापक संघ ने शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर के प्राचार्य पर की त्वरित जांच कार्यवाही की मांग...


|ब्यूरो•अम्बिकापुर|✍️सत्यम साहू|
छत्तीसगढ़ राज्य अतिथि/संविदा प्राध्यापक संघ प्रदेश भर के 5 संभागों में कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं का सामुहिक मंच है। प्रदेश भर में संघ के पदाधिकारियों द्वारा उच्च शिक्षा मंत्री, संचालनालय के अधिकारियों, और जिलाधीश सूरजपुर से शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर के प्राचार्य पर कार्रवाई की मांग की है!

सरगुजा संभाग के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर में अतिथि व्याख्याता राजनीति विज्ञान के पद पर कार्यरत अभ्यर्थी द्वारा त्यागपत्र दे दिया गया था, 25 सितम्बर 2019 दिऐ गये त्यागपत्र में महाविद्यालय प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे! इस प्रकार की समस्या से कई महाविद्यालयों के अतिथि व्याख्याता ग्रसित हैं, संपूर्ण सत्र अवधि समाप्त होने के बाद भी उक्त महाविद्यालय में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की सकी है,  छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है,  मामले को संज्ञान में लेकर संघ ने उच्च शिक्षा मंत्री व विभागीय अधिकारियों के समक्ष शीघ्र कार्रवाई की मांग की है!

प्रदेशाध्यक्ष श्री नागवंशी ने इसे अतिथि व्याख्याताओं के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार का कड़वा सच बताते हुए उच्च शिक्षा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है, छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा में लालफीताशाही की वजह से कई शिकायतें ठंडे बक्सों में चली जाती है!

ज्ञात हो कि एनएसयूआई सूरजपुर व सीएसयू(जे) जैसे छात्र संगठनों ने भी उक्त मामले को गंभीरता से उच्च शिक्षा मंत्री के समक्ष रखा था, फिर भी प्राचार्य द्वारा जांच और कार्यवाही को सफलता पूर्वक दबवा लिया गया!

अतिथि व्याख्याताओं के प्रति प्रबंधन, प्राचार्य और लिपिकों के दुर्व्यवहार को रोकने गुहार लगाते हुए संघ ने त्वरित कार्रवाई की मांग उठाई है। 

प्रदेश उपाध्यक्ष मो• हेशामुद्दीन दुलारे ने मामले पर न्यायोचित कार्रवाई के साथ अतिथि व्याख्याताओं की दीर्घकालिन मांगों जैसे कि मासिक वेतनमान, 11माह की कार्य अवधि, स्थानांतरण से सुरक्षित स्थिति, सहा0 प्राध्यापक परीक्षा में बोनस अंक, के साथ आनलाइन अध्यापन हेतु नियुक्ति देने के फैसला पर विचार करने की मांग भी की है!!!
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