|ब्योरो•सूरजपुर|शशी रंजन|
सूरजपुर। सूरजपुर जिले के पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है बावजूद इसके अधिकारी कर्मचारी चुप्पी साधे हुए हैं. आखिर समझ में यह नहीं आता है कि इस तरह इनके हौसले बुलंद कैसे हैं, क्या अधिकारियों की भी इस ओर मौन सहमति है. सूरजपुर जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र जनपद पंचायत ओड़गी के ग्राम महुली में कुछ दिन पहले डबरी निर्माण में हुए फर्जीवाड़े को लेकर प्रार्थी द्वारा जिला कलेक्टर सूरजपुर से लिखित शिकायत की गई थी. इसके बाद अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि उक्त स्थल पर जाकर मौके की जांच की जाए तथा वस्तु स्थिति से अवगत हो दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए. स्पष्ट निर्देश के बावजूद 21 जुलाई को कार्यक्रम अधिकारी महेंद्र कुशवाहा तथा तकनीकी सहायक के द्वारा जांच तो किया गया मगर जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई. आवेदन में भी उल्लेख किया गया है की जांच दल द्वारा उक्त स्थल का अच्छे से जांच नहीं किया गया तथा जिन पर आरोप है पंचनामा बना हस्ताक्षर करवा जांच टीम वापस लौट गई. जिससे शोषित ग्रामीण परेशान होकर पुनः जनपद पंचायत ओडगी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को ज्ञापन सौंप तहसीलदार से उक्त मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है.
जांच के नाम पर खानापूर्ति
पीड़ित ग्रामीण ने जांच दल पर आरोप लगाते हुएआवेदन में उल्लेख किया है कि जांच दल द्वारा स्थल पर पहुंच जांच तो किया गया मगर बस यह नाम मात्र की जांच थी सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति किया गया है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि जांच दल द्वारा न तो डबरी की गहराई मापी गई और ना ही मस्टररोल में फर्जी हाजिरी का अवलोकन किया गया.