राज्य में वेटरनरी छात्रों नें किया ऑनलाइन प्रदर्शन, शिघ्र ही भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करनें की मांग की...

राज्य में वेटरनरी छात्रों नें किया ऑनलाइन प्रदर्शन, शिघ्र ही भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करनें की मांग की...

Avinash

|ब्यूरो•न्यूज़| शु अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी नही हो रही भर्ती, एक तरफ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ग्रामीणों को सशक्त बनाने के लिए "नरवा गरवा घुरवा अउ बारी ", "गोधन न्याय" जैसी योजनाओं की  स्वयं निगरानी कर रहे है, किसानों की फसलों को जानवरों से बचाने के लिए रोका छेका तिहार मना रहे है !तो वहीं दूसरी तरफ पशु चिकित्सालय, चिकित्सको की कमी से जूझ रहा है। पशु चिकित्सकों की  नियुक्ति करना अत्यंत आवश्यक है विभाग में  चिकित्सको/अधिकारियो की कमी का खामियाजा किसानों, छोटे पशुपालको एवम डेयरी संचालकों को भुगतना पड़ रहा है ,शासन की विभागीय  योजनाओं की सटीक इन्हें जानकारी नही मिल पा जिसके कारण ना ही ये आधुनिक तरीके से पशुपालन कर पा रहे है ना ही इनकी आय में वृद्धि हो पा रहे है परिणाम स्वरूप किसानों व छोटे पशुपालको को पशुपालन से कोई लाभ नही होने आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है और बहुत से डेयरी संचालक नुकसान की भरपाई न कर पाने के कारण आज बंद होने के कगार पर है । उचित उपचार एवम रखरखाव के अभाव छोटे किसानों एवम डेयरी संचालकों को बड़ी मात्रा में पषुधन की हानि में रही है , स्थिति यहाँ तक है कि लोग अपने मवेशियो को खुले में छोर दे रहे है ।वर्तमान में जिले में एक   चिकित्सक को एक से अधिक चिकित्सालयो का प्रभार है जिससे विभागीय काम काज में बहुत देरी हो रही है ।

मुख्यमंत्री जी ने  पशुधन विकास विभाग के पद सहायक शल्यज्ञ और सहायक पशु चिकित्सा छेत्र अधिकारी के पदों पर संविदा नियुक्ति के लिए सभी जिलों के कलेक्टर को आदेश दिया है ,26 मई 2020 को मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार सहायक शल्यज्ञ और  सहायक पशु चिकित्सा छेत्र अधिकारी की नियुक्ति जिले के DMF व CSR फण्ड से होना है परन्तु प्रशासन की उदासीनता एवम निष्क्रियता के कारण जिले में अभी तक भर्ती प्रकिया शुरू नही रही है!


शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा  गरवा घुरवा अउ बारी के तहत प्रत्येक गांव के गौठान में पशु चिकित्सको द्वारा कृ टीकाकरण , बधियाकरण, टैग लगाना आदि कार्य संपादित होते है परंतु चिकित्सको की कमी के कारण इन कार्यो में बाधा आ रही है परिणाम स्वरुप शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन नही हो रहा है , प्रशिक्षित चिकित्सको के न होने के कारण विभाग में सबसे महत्वपूर्ण माना जाने वाला और नस्ल सुधार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जाने वाला कार्यक्रम " कृत्रिम गर्भाधान" का कार्य ठीक से नही हो पा रहा है जिसके कारण दुध देने वाली नस्लो के कमी आते जा रही है जिसके वजह से दूध उत्पादन में भी  काफी कमी देखने को मिली है इन सबका मिला जुला परिणाम यह है कि आज मवेसी शहरों और गाँव के चौक चौराहो और  सड़क पर भटकते नजर आते है । सड़को पर जानवरो के भीड़ होने के कारण कभी दिन में तो कभी रात में आये दिन दुर्घटना भी हो रही है जिसमें जान माल का नुकसान भी होता है!

ऐसे में डिप्लोमाधारी छात्रों का कहना है की वे इस मामले में कलेक्टर से भी मिल चुके है और निवेदन किया है कि रिक्त पदों अतिशीघ्र नियुक्ति हो । इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि DMF फण्ड में राशि न होने के कारण हम अभी इस मामले  कोई कार्यवाही नही कर सकते तो बहुत से जिले में  नियुक्ति के स्थान पर सिर्फ आश्वासन ही मिला है!
एक जानकारी के अनुसार वर्तमान में पूरे प्रदेश AVFO (सहायक पशु चिकित्सा छेत्र अधिकारी) के 1100 पद रिक्त है जिसकी नियुक्ति के लिए शासन ने (पशुपालन में डिप्लोमा) DAH की पात्रता रखी है और विगत 7 वर्षों से सहायक पशू चिकित्सा अधिकारी की भर्ती नही हुई है जिसके कारण लगभग 900  डिप्लोमाधारी  छात्र छात्रायें बेरोजगार बैठे है! 


शिवसेना की युवा इकाई युवासेना के नेतृत्व में वेटनरी के छात्रों नें अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहूंचाने की कोशिश की है, युवासेना के प्रदेश सचिव डॉ. अरुण पाण्डेय् ने इस  संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विशेष आग्रह करते हुए कहा है कि सरकार जल्द इन रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया आरंभ करे! 
पूजा रौतिया
वेटनरी विभाग की छात्रा

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