शिक्षा मंत्री हो तो मनीश शिशोदिया के जैसा.....
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मनीष शिशोदिया जी |
|संतोष कुमार|लेखक §अविनाश कुमार|संपादक|
दोस्तों आज हम तुलना करेंगे छत्तीसगढ़ के शिक्षा व्यवस्था की दिल्ली के शिक्षा व्यवस्था से। आज हम बात करेंगे मनीष शिशोदिया जी की जो आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं, जिन्होंने दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र मे क्रांति लाने का कार्य किया है।
शिशोदिया जी नें सरकारी स्कूलों की दशा ऐसी बदली है, मानो शिक्षा एक कीमती हाथों में हो, जो इसे अच्छे से संवारनें का कार्य कर रहे हैं।
मनीष शिशोदिया जी हमेशा दिल्ली की स्कूलों में सर्वेक्षण करते रहते हैं, और सभी स्कूलों की समस्याओं को सुनते हैं तथा बच्चों को एक नया आयाम देनें का काम करते हैं।
दिल्ली हमारे भारत की राजधानी है, और हाल ही में दिल्ली एक नए रोल माॅडल के रूप में सभी राज्यों के लिए उदाहरण बन गयी है।
आईए अब जानते हैं कुछ बातें जो मनीष शिशोदिया जी के लिए बच्चों ने कही हैं और जिनकी तुलना हम अपनी शिक्षा नीति से करेंगे :---
1•}- पहले टीचरो का ट्रांसफर होता था तो नये टीचर आने मे काफी समय लगता था, पर अब ऐसा नहीं है, जितनी जल्दी संभव हो नये शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाती है।
(अगर हम इसकी ही तुलना करें तो, छत्तीसगढ़ के कई स्कूलों मेंं तो शिक्षक ही नही हैं।)
2- नये पाठ्यक्रम का समावेश हुआ है, इसके लिए आपको बहोत बहोत धन्यवाद।
(अगर हम इसकी ही तुलना करें तो छत्तीसगढ़ में मिडिल स्तर में जो पूराना पाठ्यक्रम चल रहा है वही समय पर पूर्ण नहीं हो पा रहा है, इन सबका एक बड़ा कारण शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के कार्यों को सौंपना हो सकता है।)
3•}- सर आपके कार्यकाल में हमारे स्कूलों में वाॅटर कुलर विथ् आरो लग गया, और अब हम ठंडा व शुद्ध पानी पीते हैं।
(और वहीं छत्तीसगढ़ के कई सरकारी स्कूलों में हैंडपंप का पानी ही सही ढंग से नहीं मिलता, आरो की तो बात ही छोड दीजिए।)
4•}- आपके कार्यकाल में मिडिल स्कूलों मे लाइब्रेरी खुलवा दिये गए हैं, और उसके लिए एक अलग से टीचरकी भी नियुक्ती कि गई है।
(छत्तीसगढ़ की कई स्कुलों में लाइब्रेरी तो है परन्तु छात्र उनका उपयोग ही नहीं कर पाते हैं।)
5- कक्षा 5वीं से 8वीं तक के बच्चों के लिए समर कैम्प लगवानें का काम हुआ है।
(छत्तीसगढ़ में जो शैक्षणिक भ्रमण की योजना है, उसके लिए भी अब विद्यार्थीयों को छांटा जाता है और कुछ चयनित घात्र ही अब भ्रमण पर निःशुल्क जा सकते हैं।)
6- दिल्ली में सरकारी स्कूल के बच्चों को मिडिल स्कूलों से ही कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाती है, और पढाई भी कराई जाती है।
(छत्तीसगढ़ में कम्प्यूटर की शिक्षा लेने के लिए बच्चों को हाई स्कुल तक इंतजार करना पड़ता है और उसके बाद भी अगर हाई स्कुलों की कम्प्यूटर में कुछ खराबी आ गयी तो उसे बनवाया ही नहीं जा सकता, क्योंकि इसके लिए सरकार के पास फंड की कमी होती है।)
अब सवाल उठता है कि,
क्या हमारी सरकार से हमें मांग करने की जरूरत नहीं है एक बेहतर शिक्षा व्यवस्था की, जिस व्यवस्था में छात्रों को संपूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके। शिक्षा का बजट भी बढा़या जाय।छत्तीसगढ़ की जनता भी शिक्षा व्यवस्था को लेकर कुछ सवाल कर रही है, आईए जानते हैं जनता के कुछ सवाल-
1•}- छत्तीसगढ़ की सरकार शिक्षा में कैसे खर्च करती है, कि बजट हर साल कम पड जाता है???
2•}- सरकार कितना प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करती है???
3•}- सरकारो को शिक्षा का बजट हर साल बढा़ना चाहिए फिर भी अगर फंड कम पडे़ तो सरकार को यह पता लगाना चाहिए की आखिर ऐसा क्यों हो रहा है???